एसपी ने कहा दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
चिकित्सक गए हड़ताल पर, स्वस्थ भारत ने की निंदा
लखीसराय/ नई दिल्ली (आशुतोष कुमार सिंह)
बिहार के लखीसराय से जो खबर आ रही है वह बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलने वाली है। सारा देश योग-दिवस की तैयारी कर रहा था वही दूसरी तरफ बिहार के लखीसराय जिला में एक ड्रग इंस्पेक्टर की पीटा जा रहा था। उसे जान से मारने की धमकी दी जा रही थी। उसको घंटो तक बंधक बना कर रखा गया। आश्चर्य की बात यह है कि डीआई के साथ मारपीट करने का आरोप एक चिकित्सक पर लगा है।
अपने एफआईआर में दिए बयान में लखीसराय के औषधि निरीक्षक रवीन्द्र मोहन ने कहा है कि, ‘20 जून,2019 को वे औषधि निरीक्षण करने के लिए स्थानीय चितरंजन रोड विद्या मंदिर स्कूल गली में डॉ. ए.के.सिंह के क्लिनिक में स्थित वासुदेव मेडिकल हॉल का निरीक्षण करने गया था, वहां पर दुकान का लाइसेंस मांगने पर डॉ.ए.के.सिंह ने गाली गलौच किया और जान से मारने की धमकी दी। मुझे बंधक बनाए भी रखा।’
एस.पी. ने कहा जाँच चल रही है, दोष सिद्ध होने पर कार्रवाई की जाएगी
स्वस्थ भारत डॉट इन से बातचीत करते हुए लखीसराय के एस.पी. सुशील कुमार ने कहा कि इस संदर्भ में एफ.आइ.आर दर्ज हो गई। जांच चल रही है। दोष सिद्ध होने पर न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी।
प्रिंसीपल सेक्रेटरी से सोमवार को बात करेंगे स्टेट औषधि नियंत्रक, सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया जाएगा

बिहार राज्य के औषधि नियंत्रक रवीन्द्र कुमार सिन्हा ने स्वस्थ भारत डॉट इन से विशेष बातचीत में कहा कि इस मामले को उन्होंने गंभीरता से लिया है। इस बावत वे बिहार के प्रिंसीपल सेकेट्ररी से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि इस घटना सूचना मुझे शुक्रवार को मिली थी। उसके बाद मैंने खुद जाकर अपने ड्रग इंस्पेक्टर रवीन्द्र मोहन से उसके पटना स्थित आवास पर मुलाकात की थी। उसका कुशलक्षेम पूछा था। मैंने सुरक्षा से संबंधित हर जतन करने का आश्वासन दिया था। चूंकि शनिवार एवं रविवार होने के कारण प्रिंसिपल सेक्रेटरी से बातचीत नहीं हो पाई है। सोमवार को सबसे पहले इस बावत उनसे बातचीत करूंगा। फिर इससे संबंधित जो भी न्याययोचित कार्रवाई बन पड़ेगी वह हम करेंगे।
डीआई से मारपीट के विरोध में आगे आए चिकित्सक

इस घटना से लखीसराय के स्वास्थ्य महकमा में आक्रोश है। सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने बीते दिनों सांकेतिक हड़ताल भी किया था। साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की उन्होंने मांग की है। दो घंटे तक सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा ठप कर अपना विरोध जताया था।
देश-भर में इस मामले को लेकर है गुस्सा
बंगाल में चिकित्सकों से मारपीट का मामला अभी थमा भी नहीं था कि बिहार में ड्रग इंस्पेक्टर के साथ इस तरह की मारपीट का मामला सामने आया है। इस बावत देश भर के स्वास्थ्यकर्मियों एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। सिंहभूम फार्मासिस्ट एसोसिएशन के के अध्यक्ष धरमेन्द्र सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट में इस घटना की निंदा की है। वहीं छत्तीसगढ़ के फार्मा एक्टिविस्ट वैभव शास्त्री ने भी इस मामले को गंभीरता से लेने की बात कही है।
स्वस्थ भारत ने कड़ी निंदा की
स्वास्थ्य एडवोकेसी के क्षेत्र में सक्रीय स्वस्थ भारत (न्यास) से जुड़ी डॉ. ममता ठाकुर ने इस मामले को बहुत ही संगीन बताया है। उन्होंने कहा कि दवा दुकानदार का इस तरह का व्यवहार उचीत नहीं है। किसी सरकारी कर्मचारी को उसके काम में बाधा पहुंचाना एवं उसके साथ मारपीट करना न्यायोचित नहीं है। उन्होंने बिहार सरकार से मांग की है कि दोषियों को सजा दी जाए।
एसपी को लिखा पत्र जिसमें डीआई ने न्याय की गुहार लगाई है


डीआई रवीन्द्र मोहन ने एसपी को एक पत्र लिखकर अपनी आपबीती बताई है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। रवीन्द्र मोहन का यह पत्र स्वस्थ भारत डॉट इन के पास है लेकिन रवीन्द्र मोहन से अभी तक बात नहीं हो पाई है। जैसे ही बातचीत हो पाएगी इस मामले के कुछ और परत खुलेगी।
लोकल मीडिया में खबर, नेशनल मीडिया मौन है

जैसा की होता आया है, राष्ट्रीय मीडिया तब जागता है जब चिड़िया खेत चुग चुकी होती है। इस मामले में भी राष्ट्रीय मीडिया का अभी यही भाव देखने को मिल रहा है। स्वस्थ भारत डॉट इन पहला प्लेटफॉर्म है जहां पर इस मसले को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जा रहा है। स्थानीय मीडिया की कटिंग देखिए…
स्वास्थ्य मंत्री को फूर्सत नहीं है…
जिस समय पूरी मीडिया की नज़र बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर है, उस समय भी बिहार के स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य के मामले में मीडिया से बातचीत करने का समय नहीं निकाल पा रहे हैं। स्वस्थ भारत डॉट इन की ओर से उनसे तीन-चार बार बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनके पीए ने बताया कि वे मिटिंग में है। पीए ने कहा कि उसने मंत्री जी को इस बावत बता दिया है। लेकिन खबर लिखे जाने तक मंत्री जी फूर्सत नहीं निकाल पाए थे। उनके सूबे में एक ड्रग इंस्पेक्टर पर हमला होता है और मंत्री जी के पास समय नहीं है।
लखीसराय के सीएस एवं एसीएमओ का मोबाइल स्वीच ऑफ है
जिस राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के पास फूर्सत नहीं हो उस राज्य के सीएमओ और एसीएमओ के पास कितना समय होगा यह सोचनीय है। लखीसराय के सिविल सर्जन एवं एडिसनल चीफ मेडिकल ऑफिसर दोनों के सरकारी मोबाइल न. बंद मिले। संभव है आज रविवार है, इसलिए उन्होंने मोबाइल बंद कर दिया हो लेकिन एक सवाल यह भी है कि क्या बीमारी और आपातकालिन स्थिति दिन देखकर आती हैं।
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