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बीबीआरएफआई में जनऔषधि पर हुआ परिंसवाद

बीबीआरएफआई के फेलोज को स्वस्थ भारत ने बताए जनऔषधि के फायदे

भारत जैसे देश को जनऔषधि की है जरूरत, बोले स्वस्थ भारत के चेयरमैन

विगत पांच वर्षों में देश में 5 हजार से ज्यादा जनऔषधि केन्द्र खुल चुके हैं। वर्तमान में इनकी संख्या 5300 से ज्यादा है। लेकिन भारत की जनसंख्या के हिसाब से देखा जाए तो यह बहुत ही कम है।– स्वस्थ भारत के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह के शब्द

नई दिल्ली/ 25.06.19

महंगी दवाइयों से परेशान लोगों को कैसे सस्ती दवा मिले और इसमें जनऔषधि की भूमिका विषय पर नई दिल्ली के राजघाट स्थित ब्रेन बिहैवियर रिसर्च फाउंडेशन ऑफ इंडिया (बीबीआरएफआई) के दफ्तर में एक परिसंवाद का आयोजन किया गया। इस परिसंवाद में बोलते हुए स्वस्थ भारत के चेयरमैन आशुतोष कुमार सिंह ने कहा कि आज देश को जनऔषधि की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महंगी दवाइयों से आजादी चाहिए तो जनऔषधि को अपनाना होगा। जनऔषधि केन्द्रों को और बढ़ाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि विगत पांच वर्षों में देश में 5 हजार से ज्यादा जनऔषधि केन्द्र खुल चुके हैं। वर्तमान में इनकी संख्या 5300 से ज्यादा है। लेकिन भारत की जनसंख्या के हिसाब से देखा जाए तो यह बहुत ही कम है।

बीबीआरएफआई में आयोजित परिसंवाद को आप यहां देख सकते हैं और जनऔषधि के फायदे के बारे में जान सकते हैं…

बीबीआरएफआई के फेलोज को जनऔषधि के फायदे के बारे में बताते हुए श्री आशुतोष ने कहा कि भारत जैसे गरीब देश में महंगी दवाई गरीबों को और गरीब बना रही है। ऐसे में जरूरत इस बात की है कि लोगों को सस्ती दवा मिल सके। इस अवसर पर श्री आशुतोष से जनऔषधि से संबंधित कई सवाल पूछे गए और उन्होंने बेबाकी के साथ उसके उत्तर दिए। सवाल पूछने वाले फेलोज को आशुतोष कुमार सिंह ने जनऔषधि पर लिखित अपनी पुस्तक जेनरिकोनॉमिक्स भेंट की। परिसंवाद में शामिल हुए सभी नौजवानों से उन्होंने अपील की कि वे हॉबी के रूप में ही सही स्वास्थ्य के मसले पर आम लोगों को जागरूक करने के लिए आगे आएं।

इस अवसर पर बीबीआरएफआई के उप-निदेशक सुबोध कुमार सहित कई पदाधिकारी उपस्थित थे।

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