स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

डाइट से कैंसर जैसे गंभीर रोग ठीक करने के दावे पर विवाद

मामला मैडम सिद्धू और शिशिर सिंघल का

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। खाद्य पदार्थाें में मिलावट, जंक फूड, दूषित वायु और बिगड़ती लाइफस्टाइल से गंभीर रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। कैंसर भी ऐसे रोगों में एक है। एक्सपर्ट बताते हैं कि डाइट और लाइफस्टाइल में मामूली बदलाव करके इस तरह के रोगों को काफी हद तक कम कर सकते हैं। पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के डाइट में बदलाव से ब्रेस्ट कैंसर से अंतिम स्टेज पर मुक्ति पा ली है। इस बात का खुलासा खुद नवजोत सिंह सिद्धू ने किया है।

ऐसा रहा मैडम सिद्धू का डाइट

उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी को 2022 में ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था। डॉक्टर ने कीमोथेरेपी शुरू की लेकिन वह नियमित रूप से कीमोथेरेपी नहीं करा पाई। ऐसे में उनका कैंसर स्टेज 4 तक जा पहुंचा। तब उनकी डाइट में भी कुछ जरूरी बदलाव किए गए। उसने दिन की शुरुआत नींबू पानी से की। इसके साथ कच्ची हल्दी, लहसुन और सेब के सिरका का सेवन शुरू किया। उनकी डाइट में नीम के पत्त, दालचीनी, काली मिर्च, लौंग, छोटी इलायची और गुड़ का काढ़ा, सफेद पेठे, चुकंदर, गाजर और आंवला का जूस रहा। चावल और रोटी बंद। इसके अलावा वह केवल पीएच 7 लेवल का पानी ही पीती थीं। इससे 40 दिनों में ही रिकवरी में मदद मिली और जब दोबारा से कैंसर की जांच हुई तो डॉक्टर को उनके शरीर में एक भी कैंसर सेल नहीं मिला।

डाइट से क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस भी ठीक

इसी तरह 26 वर्षीय शिशिर सिंघल को क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस था। उसने एक हेल्थ पोर्टल को बताया कि उन्होंने हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल सेे इस बीमारी से छुटकारा पाया है। उसे यह समस्या 2011 में शुरू हुई थी। उस दौरान पेट में दर्द होता था। चेकअप करवाने पर हर बार पैन्क्रियाज में सूजन की समस्या ही आती थी। लेकिन दवा लेने के साथ सप्ताह भर में परेशानी ठीक हो जाती थी। लेकिन 2017 के बाद परेशानी बढ़ने लगी थी। इसके बाद 2023 में अचानक से एक दिन बहुत ज्यादा दर्द हुआ। चेकअप करवाने पर रिपोर्ट में क्रॉनिक पैन्क्रियाटाइटिस आया।

खान-पान का रहा बड़ा रोल

उसने बताया कि उनकी पैन्क्रियाज पूरी तरह सिकुड़ चुकी थी। उसमें कई छोटी-छोटी पथरी भी हो गई थी। वजन लगातार कम होता जा रहा था। खाना ठीक से नहीं पच पाता था। कुछ भी खाने पर उल्टी और चक्कर आने लगते थे। लंबे समय तक इलाज के बाद सर्जरी से पैन्क्रियाज का पथरी निकाला गया। उन्होंने तला-भूना खाना पूरी तरह से छोड़ दिया। घर का बना ताजा और कम मसाले वाला खाना खाया। जंक और प्रोसेस्ड फूड पूरी तरह से छोड़ दिया। हरी सब्जियों का ज्यादा सेवन किया। मसाले कम कर दिए जिससे पाचन तंत्र पर जोर न पड़े। सुबह-शाम वॉक करना शुरू किया। मीठा खाना पूरी तरह से छोड़ दिया था। एक्सरसाइज और योगासन करने शुरू किये। दवा भी चलती रही और अंततः इससे छुटकारा मिला।

सिद्धू के दावे पर विवाद

वैसे सिद्धू के दावे पर डॉक्टर्स भरोसा नहीं करते। कई डॉक्टरों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोई खास तरह की डाइट या जड़ी-बूटी या आयुर्वेदिक तरीका कैंसर को रोक सकता है या इसे नियंत्रित कर सकता है। ऐसा भी कहीं कोई दावा नहीं मिलता कि इस तरह की डाइट से कैंसर को ठीक कर सकता है। कुछ कहते हैं कि जापान के सेल बायोलॉजिस्ट योशिनोरी ओहसुमी ने ऐसे ही स्टडी पर नोबेल सम्मान जीता था।

Related posts

देहरादून में 500 बिस्तरों वाले अस्पताल का शिलान्यास

admin

भूजल स्तर की निगरानी के लिए जलदूत ऐप लॉन्च

admin

CSIR lab to reach out north-east villages through entrepreneurship drive

Ashutosh Kumar Singh

Leave a Comment