नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया। COP-28 जलवायु सम्मेलन में यूएई की ओर से 475 मिलियन डॉलर के लॉस एंड डैमेज फंड की शुरूआत की गई है। यह फंड विकासशील देशों को बाढ़, सूखे और लू (हीट वेव) के प्रभावों से होने वाले नुकसान पर मुआवजा देगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी सराहना की है।
COP 27 में ही तय हुआ था फंड का गठन
मालूम हो कि पिछले साल मिस्र के शर्म अल-शेख में आयोजित COP 27 में अमीर देशों ने हानि और क्षति कोष स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की थी। हालांकि धन आवंटन, लाभार्थियों और अमल के संबंध में निर्णय एक समिति को भेजे गए थे। इस महीने की शुरुआत में एक मसौदा समझौता हुआ था और एक दिन पहले एक संशोधित समझौता पत्र जारी किया गया। इसने विकसित देशों को कोष में योगदान देने के लिए कहा।
सर्वाधिक जोखिम वाले देश को प्राथमिकता
समझौते में कहा गया है कि अन्य देश और निजी पक्ष योगदान दे सकते हैं। आवंटन में जलवायु परिवर्तन के प्रति सबसे अधिक जोखिम वाले देशों को प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन कोई भी जलवायु प्रभावित समुदाय या देश पात्र है। विकासशील देश कोष की मेजबानी के लिए एक नयी और स्वतंत्र इकाई चाहते थे।