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कोरोना रफ्तार में, अगले महीने मॉक ड्रिल की तैयारी

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। कोरोना और मौसमी इन्फ्लुएंजा के मामले अब चिंतित करने लगे हैं। केंद्र सरकार ने भी सक्रियता दिखाते हुए कई कदम उठाये हैं। अस्पतालों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए 10 और 11 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल की योजना है। इस बारे में 27 मार्च को राज्यों को और जानकारी दी जाएगी। उधर ICMR ने अपर्याप्त टेस्ट को देखते हुए जांच बढ़ाने का सुझाव दिया है।

परीक्ष्ण अपर्याप्त

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और ICMR के महानिदेशक डॉ राजीव बहल ने जारी एडवाइजरी में कहा है कि फरवरी के मध्य से कोरोना मामलों में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है। फिलहाल अधिकांश मामले केरल (26.4 प्रतिशत), महाराष्ट्र (21.7 प्रतिशत), गुजरात (13.9 प्रतिशत), कर्नाटक (8.6 प्रतिशत) और तमिलनाडु (6.3 प्रतिशत) जैसे कुछ राज्यों में है। यह भी कहा गया है कि कुछ राज्यों में टेस्टिंग में गिरावट आई है। WHO द्वारा निर्धारित मानकों की तुलना में वर्तमान में परीक्षण स्तर अपर्याप्त हैं। ऐसे में राज्यों को कोरोना जांच में बढ़ावा देने और लक्षणों की जानकारी देने के लिए भी कहा गया है।

5 सप्ताह में 9 गुना केस

पिछले 24 घंटे में 1590 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है। इस दौरान छह संक्रमितों की मौत भी हुई है। 146 दिनों में यह कोरोना के एक दिन का सबसे अधिक केस है। मंत्रालय के मुताबिक, पिछले पांच हफ्तों में देश में संक्रमण के मामलों में नौ गुना तक बढ़ोतरी आई है। संक्रमण के बढ़ते जोखिम को देखते हुए मंत्रालय ने सभी राज्यों को सलाह दी कि वे कोविड से मुकाबले के लिए चार टी (टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण) और कोविड उपयुक्त व्यवहार के पालन पर विशेष ध्यान दें।

XBB.1.16 सब-वैरिएंट की संभावना

एक्सपर्ट के अनुसार ओमिक्रॉन के XBB.1.16 सब-वैरिएंट इसके लिए जिम्मेदार है क्योंकि इसकी संक्रामकता दर अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक है। इस नए वैरिएंट की इम्यून स्केप यानी की शरीर में बनी प्रतिरक्षा को चकमा देने की क्षमता इसे कई मामलों में चिंताकारक बनाती है।

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