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जानिए भारत का यह पड़ोसी देश कैसे कोरोना से बच गया

आज नेपाल जैसा छोटा देश यह बता रहा है कि वह किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग एवं धैर्य के बल पर कोरोना को हराने में सफल रहा है। ऐसे ही भूटान ने भी कर दिखाया है। इन देशों से सीखने की जरूरत है।

मनीषा शर्मा

चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस का संक्रमण दुनिया के 200 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। थाईलैंड, अमेरिका, यूरोप, इटली, ईरान, भूटान, पाकिस्तान, पाकिस्तान, एवं नेपाल से भी इसका मामला सामने आ रहा है। भारत में जहां कोरोना संक्रमितो की संख्या 6000 पहुंचने वाली है, वहीं भारत का एक परोसी संक्रमितों की संख्या को रोकने में कामयाबा हो रहा है।
नेपाल ने कर दिखाया
 नेपाल के एक 31 वर्षिय छात्र में 13 जनवरी को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। यह छात्र 5 जनवरी को वुहान से नेपाल लौटा था। 13 जनवरी से आज 9 अप्रैल हो गया है। नेपाल में महज 9 लोग संक्रमित हुए है। अभी तक किसी की मौत नहीं हुई है। एक व्यक्ति स्वस्थ होकर घर भी जा चुका है।
कोरोना से लड़ने का नेपाली फार्मुला
दुनिया भर में कोरोनावायरस की लगातार बढ़ती संक्रमण को देखते हुए भारत के पड़ोसी देश नेपाल ने लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दिया है। 7 अप्रैल को यह लॉकडाउन की अवधि समाप्त हो  रही थी। नेपाल सरकार ने स्पष्ट किया है कि जब तक लॉक डाउन की अवधि में नेपाल की सीमा में कोई प्रवेश नहीं कर सकता है। नेपाल में सभी देशों के टूरिस्ट वीजा रद्द को रद्द कर दिया गया है। माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पर भी रोक लग चुकी है।
आइए अपने पड़ोसी देश नेपाल को जानें
नेपाल एक दक्षिण एशियाई राष्ट्र है। नेपाल के उत्तर में चीन प्रदेश है और दक्षिण पूर्व व पश्चिम में भारत स्थित है। नेपाल में 85 फीसद हिंदू धर्म को मानने वाले हैं। यहां की राजधानी काठमांडू है। भारत के उत्तर में बसा नेपाल एक खूबसूरत देश है। यहां की भौगोलिक विविधता देखने योग्य है।
नेपाल का भूगोल
नेपाल का गोरखा इतिहास उल्लेखनीय हैं। मानचित्र पर नेपाल का आकार एक तिरछे समांतर चतुर्भुज जैसा है। नेपाल की कुल लंबाई करीब 800 किलोमीटर और चौड़ाई 200 किलोमीटर है। नेपाल का कुल क्षेत्रफल 1,47,181 वर्ग किलोमीटर है। यहां की जनसंख्या 29.3 मिलियन है।
शिक्षा-संस्कृति
पिछले 25 वर्षों में नेपाल में शिक्षा के क्षेत्र में काफी तरक्की हुई है। नेपाल की संस्कृति तिब्बत एवं भारत से मिलती-जुलती है, यहां की वेशभूषा, भाषा तथा पहनावा इत्यादि एक जैसी ही है। नेपाल की स्वास्थ्य-सेवा प्राचीन काल से आयुर्वेद पर निर्भर रहा है। वेद और परंपरागत चिकित्सक गांव, घर और शहरों में स्वास्थ्य सेवा पहुंचाते थे। वर्तमान में नेपाल में स्वास्थ्य-देखभाल सेवाएं सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों द्वारा प्रदान की जाती है।
आज नेपाल जैसा छोटा देश यह बता रहा है कि वह किस तरह से सोशल डिस्टेंसिंग एवं धैर्य के बल पर कोरोना को हराने में सफल रहा है। ऐसे ही भूटान ने भी कर दिखाया है। इन देशों से सीखने की जरूरत है।

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