लोगों में कोरोना वायरस के इलाज और लॉकडाउन से जुड़े कई सवाल मंडरा रहे हैं। कोरना वायरस का इलाज है या नहीं या फिर क्वारेंटाइन कहीं कैद तो नहीं है ? क्या कोरोना वायरस किसी देश का जैविक हथियार तो नहीं है ? क्या भारत कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जीत पाएगा ? राष्ट्रीय चैनल डीडी नेशनल पर आज एक लाइव शो में मैंने कोरोना वायरस से मुद्दे ऐसे तमाम सवालों के जवाब दिए। इस दौरान कई दर्शकों ने भी सीधे अपने सवाल पूछे।
डॉ. हर्षवर्धन, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री, भारत सरकार
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। देश के लोग कोरोना वायरस के खिलाफ़ मजबूती से खड़े हैं। हमारे डॉक्टर, नर्स व अन्य स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना को हराने में लगे हुए हैं।
लोगों के मन में अभी भी कई सवाल हैं
बावजूद इसके लोगों में कोरोना वायरस के इलाज और लॉकडाउन से जुड़े कई सवाल मंडरा रहे हैं। कोरना वायरस का इलाज है या नहीं या फिर क्वारेंटाइन कहीं कैद तो नहीं है ? क्या कोरोना वायरस किसी देश का जैविक हथियार तो नहीं है ? क्या भारत कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई जीत पाएगा ? राष्ट्रीय चैनल डीडी नेशनल पर आज एक लाइव शो में मैंने कोरोना वायरस से मुद्दे ऐसे तमाम सवालों के जवाब दिए। इस दौरान कई दर्शकों ने भी सीधे अपने सवाल पूछे।
लॉकडाउन का पालन जरूरी
मैंने कहा कि कोरोना के Chain of Infection को तोड़ने के लिए लॉकडाउन का पालन बहुत ज़रूरी है। लॉकडाउन के दो जरूरी पहलू होते हैं, लॉकडाउन का उद्देश्य कोरोना के फैलाव को रोकने के साथ-साथ इस अवधि में इस बीमारी से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को और मजबूती प्रदान करना है। मैंने कहा कि, बीते दिनों कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिससे कोरोना के खिलाफ़ देश के अभियान को धक्का लगा है। उन घटनाओं के कारण अचानक कोरोना के केसों में वृद्धि हुई है। मैंने लोगों से #SocialDistancingNow का पालन करने का आग्रह किया।
एक दर्शक के सवाल ‘क्या लॉकडाउन आगे बढ़ाया जा सकता है ?’ का जवाब देते हुए मैंने साफ कहा कि इस सवाल का जवाब अभी नहीं दिया जा सकता। मैंने कहा कि, लॉकडाउन की Spirit का सम्मान करना, अपनी और अपने परिवार की रक्षा करना है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि PM श्री नरेंद्र मोदी जी, जो भी फ़ैसला करते हैं, देश व देशवासियों के हित में करते हैं।
जाने क्या हैं Qurantine का मतलब
मैंने कहा कि Qurantine का मतलब क़ैद नहीं ! क्वारेंटाइन लोगों के अपने और उनके परिवार के हित में है।इसी हित को देखते हुए विदेश से आने वाले हर नागरिक पर पैनी नज़र रखी जा रही थी और उन्हें क्वारेंटाइन संबंधी दिशानिर्देश दिये गए थे।
सामान्य सावधानियां जरूरी
मैंने बताया कि सामान्य सावधानियां बरतकर ही कोरोना से बचा जा सकता है। जैसे कि आपस में 1 मीटर का फासला रखें,साबुन से हाथ धोएं, Surfaces को साफ रखें,अपने मुंह,आंख और कानों को हाथ न लगाएं,बाहर से लाई हुई सब्जी वगैरह धोकर ही उपयोग करें। एक दर्शक के सवाल ‘क्या कोरोना कोई जैविक हथियार है? पर मैंने साफ शब्दों में कहा कि अभी ऐसे सवालों पर विश्वास करने का कोई मतलब नहीं है।
डरने की जरूरत नहीं है
आज भारत किसी भी मामले में दुनिया के किसी भी देश से पीछे नहीं है और हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। मैंने कहा कि कोरोना से घबराने की जरूरत नही है। कोरोना के 80% केस में लोग घरों में हीं ठीक हो जाते हैं। सिर्फ 15% मरीज़ों को आॉक्सीजन और 5% को ही वेंटीलेटर्स की जरूरत पड़ती है। हमारे पास पर्याप्त चिकित्सा सामग्री है।देशभर में डेढ़ लाख बेड विशेष रूप से किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रखे गए हैं।वर्तमान स्थिति को देखते हुए देश में PPE किट और N95masks की कोई कमी नहीं है।
Teleconsultancy Helpline शुरू हुआ है
मैंने बताया कि AIIMS, दिल्ली ने कोरोना के मरीज़ों का इलाज़ कर रहे देश भर के डॉक्टरों की मदद के लिए एक Teleconsultancy Helpline शुरू करी है। इससे डॉक्टर कोरोना के इलाज में क्लिनिकल मैनेजमेंट पर जरूरी सलाह ले सकेंगे।
(दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर 4 अप्रैल, 2020 को आयोजित चर्चा के सार को स्वास्थ्य मंत्री ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है। यह आलेख उनके फेसबुक वाल से लिया गया है।)