नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। आयुष मंत्री सर्बानन्द सोनोवाल ने एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल पर जोर देते हुए कहा कि लोगों को सर्वाेत्तम स्वास्थ्य देखभाल देने के लिए आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को साथ-साथ चलना होगा। वे छह राज्यों के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन पर क्षेत्रीय समीक्षा बैठक को मुंबई में संबोधित कर रहे थे। इसमें राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह, दादरा व नगर हवेली, दमन व दीव के अधिकारियों और आयुष के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सब तक पहुंचे लाभ
उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा के प्रचार-प्रसार में WHO और भारत सरकार की भूमिका का भी उल्लेख किया और कहा कि जामनगर, गुजरात में पारंपरिक चिकित्सा के वैश्विक केंद्र की स्थापना ने भारत की वैज्ञानिक और साक्ष्य आधारित पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों के विकास के नए द्वार खोले हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन जैसे प्रमुख कार्यक्रम के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पारंपरिक चिकित्सा का लाभ देश के हर कोने तक पहुंचे।
मिशन का बजट 1200 करोड़ हुआ
राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) के बारे में सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि इसको आयुष स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत और बेहतर बनाकर पूरे देश में आयुष स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने के दृष्टिकोण और उद्देश्यों के साथ लागू किया जा रहा है, ताकि जरूरतमंद लोगों को सार्थक विकल्प मिल सकें। आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने जानकारी दी कि NAM योजना के लिए बजटीय प्रावधान भी 800 करोड़ से बढ़कर 1200 करोड़ हो गया है। मंत्रालय ने सभी राज्यों के साथ समीक्षा बैठकें की है। इस दौरान सार्थक चर्चाएं हुईं।