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2027 तक कुष्ठ रोग मुक्त भारत का लक्ष्य : मांडविया

स्वास्थ्य मंत्री ने वर्चुअल माध्यम से राष्ट्रीय कुष्ठ रोधी दिवस को संबोधित किया

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि कुष्ठ रोग के नए मामलों में साल दर साल कमी आ रही है। हमारा लक्ष्य है कि एसडीजी से तीन साल पहले यानी 2027 तक भारत को कुष्ठ रोग मुक्त कर दें।

प्रसार दर में गिरावट आयी

वे दिल्ली में राष्ट्रीय कुष्ठ रोधी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल रूप से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के लिए महात्मा गांधी की चिंता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इसके उपचार की चिंता और प्रतिबद्धता का मूल हमारे इतिहास में है। गांधीजी की सोच न केवल कुष्ठ रोगियों का उपचार करने की बल्कि उन्हें समाज में मुख्यधारा में लाने की भी थी। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इस देश से कुष्ठ रोग को समाप्त करने का हमारा प्रयास उनकी सोच के लिए एक महान श्रद्धांजलि है। हम 2005 में राष्ट्रीय स्तर पर हर दस हजार की आबादी पर प्रसार दर 1 मामला प्राप्त करने में सफल रहे हैं।

सर्जरी भत्ता बढ़ाया केंद्र ने

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश का कुष्ठ कार्यक्रम यथाशीघ्र रोगियों का पता लगाने व उनका उपचार करने, दिव्यांगता व विकृति के विकास को रोकने के लिए निःशुल्क उपचार, मौजूदा विकृति वाले लोगों का चिकित्सा पुनर्वास का प्रयास करता है। रोगियों को उनकी रिकन्सट्रक्टिव सर्जरी के लिए कल्याण भत्ता 8,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग की प्रसार दर 2014-15 में प्रति 10,000 की आबादी पर 0.69 से घटकर 2021-22 में 0.45 हो गई है। इसके अलावा नए मामलों की संख्या 2014-15 में 9.73 से घटकर 2021-22 में 5.52 हो गई है।

निकुष्ठ 2.0 पोर्टल लॉन्च

इस मौके पर निकुष्ठ 2.0 पोर्टल के लॉन्च के साथ-साथ कुष्ठ रोग के लिए राष्ट्रीय सामरिक योजना व रोडमैप (2023-27) और कुष्ठ रोग में सूक्ष्मजीव-रोधी प्रतिरोध (AMR) निगरानी के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए गए। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम (NLEP) के तहत निकुष्ठ 2.0 कुष्ठ रोग प्रबंधन के लिए एक एकीकृत पोर्टल है।

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