नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। जानलेवा कैंसर की पकिया इलाज खोजने के क्रम में ब्रिटेन को सफलता मिली है। वहां वैक्सीन तैयार कर ली गयी है जिसका ट्रायल जल्द ही इंग्लैंड के नेशनल हेल्थ सर्विस में हजारों लोगों पर किया जाएगा। यदि यह सफल रहता है तो कैंसर के मरीजों को नयी जिंदगी मिलेगी। इसकी खुराक पहले 30 से अधिक अस्पतालों में मरीजों को दी जाएगी। इसके बाद दूसरे देशों में भी वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा।
दूसरे देशों में भी होगा परीक्षण
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इंग्लैंड में ही त्वचा कैंसर की वैक्सीन का भी परीक्षण चल रहा है। उम्मीद है कि वैक्सीन का परीक्षण 2027 तक पूरा हो जाएगा। इंग्लैंड के बाद जर्मनी, बेल्जियम, स्पेन और स्वीडन में 200 से अधिक मरीजों को परीक्षण के लिए भर्ती किया जाएगा। इन्हें वैक्सीन के 15 डोज दिए जाएंगे। यह दुनिया में कैंसर की पहली वैक्सीन होगी।
कई तरह के कैंसर पर प्रभावी
जानकारी कहती है कि इस वैक्सीन को बायोफार्मास्युटिकल कंपनी बायोएनटेक और जेनेटिक ने संयुक्त रूप से कोरोना रोधी वैक्सीन की तरह ही mRNA तकनीक का उपयोग कर विकसित किया है। ये वैक्सीन मरीज के प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने में सक्षम बनाने, उन्हें खत्म करने और दोबारा फैलने से रोकते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये वैक्सीन फेफड़े, मूत्राशय और अग्न्याशय समेत कई तरह के कैंसर पर प्रभावी हो सकती है। वैक्सीन बीमारी की पहचान के बाद ही दी जाएगी। मरीज की कैंसर पीड़ित कोशिका में मौजूद खास म्यूटेशन का अध्ययन करने के बाद वैक्सीन को डिजाइन किया गया है।