पटना/नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। बिहार में फरवरी से अप्रैल के तीन महीने में 537 करोड़ की दवाएं और सर्जरी का सामान खराब हो गया है। इससे मरीजों को बाजार से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ी। अब स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग के DVDMS (ड्रग्स एंड वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में 175 करोड़, मार्च में 180 करोड़ और अप्रैल में 182 करोड़ की दवाएं और सर्जरी का सामान खराब हुआ है।
जांच में 52 दवाओं के सैंपल फेल
देशभर में बनी 52 दवाओं के सैंपल जांच में फेल हो गए हैं, जिनमें सर्वाधिक हिमाचल प्रदेश में बनी 22 दवाएं भी हैं। हिमाचल में दवा के सैंपल लेने का अनुपात अन्य राज्यों से 90 फीसद अधिक है। खबरों के मुताबिक सिरमौर के पांच, ऊना का एक और 16 सैंपल सोलन जिले के फेल हुए हैं। इसमें गले का इंफेक्शन, उच्च रक्तचाप, कैंसर, दर्द, जीवाणु संक्रमण, अल्सर, खांसी, एलर्जी, वायरस संक्रमण, एंटी बायोटिक, एसिडिटी, खुजली और बुखार की दवा है।