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Health @24/2 : भारत के प्रयासों को दुनिया भर से मिली सराहना

पहली कड़ी में आपने साल भर की गेमचेंजर गतिविधियों और कुछ योजनाओं के बारे में जानकारी ली। अब आगे…

अजय वर्मा

नयी दिल्ली। दरअसल स्वास्थ्य क्षेत्र में आये भूचाल का ही नतीजा है कि वैश्विक स्वास्थ्य संस्थाएं भी भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। इसे कोरोना काल में हमारे प्रयासों ने रॉकेट सी गति दी है तभी कोरोनारोधी स्वीकार्य वैक्सीन सबसे पहले भारत में बनी और दुनियाभर के पीड़ितों को मुफ्त भेजी गयी। इसका मूल कारण वसुधैव कुटुम्बकम और सर्वे भवन्तु सुखिनः जैसा मंत्र रहा।

आभा अकांउट का भी विस्तार

समानांतर रूप से, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (ABHA।) पहल के माध्यम से भारत के डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है। ABHA नंबर किसी के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से एक्सेस करने और साझा करने का एक परेशानी मुक्त तरीका है। यह डिजिटल माध्यम से स्वास्थ्य सेवा इकोसिस्टम के विभिन्न हितधारकों के बीच मौजूदा अंतर को पाट देगा। 22 दिसंबर 2024 तक 71.81 करोड़ से अधिक ABHA नंबर तैयार किए गए हैं और 46.53 करोड़ स्वास्थ्य रिकॉर्ड इससे जोड़े गए हैं।

देखें-https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2087087

मिशन इंद्रधनुष

भारत की स्वास्थ्य सेवा उपलब्धियों का एक और आधार मिशन इंद्रधनुष है, जिसने सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण कवरेज का विस्तार किया है। यह अभियान कम टीकाकरण दर वाले क्षेत्रों को लक्षित करता है ताकि छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जा सके। इस मिशन में रोकथाम योग्य बीमारियों से सुरक्षा बढ़ाने वाले 11 प्रकार के टीके शामिल हैं। अब तक इसके सभी चरणों में कुल 5.46 करोड़ बच्चों और 1.32 करोड़ गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया गया है।

देखें-https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2087087

दुनिया भर में आयुर्वेद की उपस्थिति

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात के 117वें एपिसोड में आयुर्वेद के विश्वव्यापी विस्तार की झलक दिखायी दी। आयुष मंत्रालय ने अब तक अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देते हुए 24 देश-स्तरीय और 48 संस्थान-स्तरीय समझौता किया है। वैश्विक स्तर पर 15 अकादमिक स्थापित की गई हैं। आयुष सूचना प्रकोष्ठ 35 देशों में 39 स्थानों पर काम करते हैं। WHO के अलावा वियतनाम, मलेशिया और मॉरीशस के साथ आयुर्वेद पर ऐतिहासिक समझौता हो चुका है।

देखें-https://www.swasthbharat.in/presence-of-ayurveda-across-the-world-narendra-modi/

(जारी)

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