नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। अंतरिम बजट में हर जिले में नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और NMC मिलकर विशेषज्ञ समिति बनायेगी। इसमें 12 सदस्य होंगे। यह एक जिला एक अस्पताल की सिफारिश करेगी। अभी 17 राज्य ऐसे हैं जहां हर जिले में एक जिला अस्पताल नहीं है। पिछले वर्ष सरकार ने 157 नए मेडिकल कॉलेजों की घोषणा की थी।
दो तरह से खुलेंगे मेडिकल कॉलेज
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि दो तरह से नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करने की योजना है। पहला तरीका 60-40 का है जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर खर्च करेंगे। दूसरा तरीका विभिन्न विभागों में मौजूदा अस्पतालों की बुनियादी सुविधाओं का इस्तेमाल करते हुए कॉलेज खोले जाएंगे। यह काम अप्रैल से पहले ही चालू हो जायेगा। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने अपने दोनों कार्यकाल में अब तक मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 82 फीसद की वृद्धि की है, जो 2014 से पहले 387 से बढ़कर अब 704 हुए हैं। इसके अलावा MBBS सीटों में 110 फीसद और पीजी सीटों में 117 फीसद की वृद्धि हुई है। अभी देश में कुल 704 मेडिकल कॉलेज हैं लेकिन जिलों की संख्या 764 है।
WHO ने की बजट की सराहना
NHA के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश में करीब 23 लाख आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं जिन्हें लाभार्थी सूची में शामिल करने का काम इसी साल खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले यानी अप्रैल में इसकी शुरुआत होगी। भारत में WHO के प्रतिनिधि रोडेरिको एच. ऑफ्रिन ने कहा कि बजट में स्वास्थ्य संबंधी पहलों के लिए सरकार की सराहना की है। मेडिकल कॉलेज बढ़ाना, मातृ एवं शिशु देखभाल, गर्भाशय ग्रीवा के लिए टीकाकरण और U WIN प्लेटफ़ॉर्म का विस्तार आदि स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करेगा।