नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। स्वास्थ्य मंत्रालय देश भर के स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज के लिए शुल्क तय करने पर सुझाव के लिए राज्य सरकारों के साथ परामर्श शुरू करेगा। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी और निजी स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों के बीच इलाज की लागत में व्यापक अंतर पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने केंद्र को उपचार शुल्क को शीघ्रता से तय करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है। कोर्ट ने पाया था कि सरकारी और निजी स्वास्थ्य केंद्रों के बीच इलाज की लागत में व्यापक अंतर है। कोर्ट ने उन दरों की सीमा निर्दिष्ट करने में केंद्र की विफलता की आलोचना की जिनके भीतर निजी अस्पताल और क्लीनिक मरीजों से शुल्क ले सकते हैं।
विटामिन डी का इंजेक्शन लाॅन्च
एक भारतीय दवा कंपनी ने दुनिया के पहले विटामिन डी इंजेक्शन को लॉन्च किया है। इससे शरीर मे होने वाली विटामिन डी की कमी पूरी करने में मदद मिल सकती है। यह न केवल विटामिन डी की कमी को पूरा करने में तेजी से असर दिखाता है बल्कि दर्द भी कम होता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस इंजेक्शन को इस तरह बनाया गया है कि इसे लगाने के बाद दर्द का एहसास न के बराबर होगा। विटामिन डी की कमी से दुनियाभर में लगभग एक अरब लोग जूझ रहे हैं। इसकी कमी से हड्डियां प्रभावित हो सकती हैं। महिलाओं में तो इसकी कमी कई रोगों को जन्म देती है।
ICMR से हुआ समझौता
NHA ने लगभग 30 हजार ICMR में सेवारत कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों को कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए उसके साथ दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। अब लाभार्थी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में AB PM-JAY के पैनल में शामिल अस्पतालों से लाभ उठा सकते हैं।