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हीटर हो या अंगीठी, राहत के साथ खतरे भी कम नहीं

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। सर्दी के मौसम में ठंडी हवा के कहर से बचने के लिए शहरों में लोग हीटर या ब्लोअर तो गांव में अंगीठी का सहारा लेते हैं। लेकिन इसे जलाकर बंद घर में सो जाना खतरनाक साबित हो सकता है। दम घुट सकता है या आग लग सकती है। हीटर या अंगीठी के आगे काफी देर तक बैठना सेहत के लिए भी नुकसानदायक है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है। चेहरे पर लाल चकत्ते हो सकते हैं जो हीट एलर्जी कहलाती है। सिर की त्वचा शुष्क होगी तो बालों की समस्या होगी। नाक के अंदर की त्वचा सूखेगी तो खून भी आ सकता है। फेफड़े में कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भर सकता है। आंखों में ड्राइनेस की समस्या हो सकती है।

मोबाइल भी दे रहा कई रोग

मोबाइल भले ही काम की चीज हो लेकिन इसकी लत कई रोगों को जन्म दे सकती हैं। जैसे टेक्स्ट नेक। यह पोस्ट को देखते रहने या स्क्रॉल करते वक्त सिर और गर्दन को झुकाकर रखने की वजह से होता है। इससे गर्दन की मांसपेशियों में सूजन और जलन होने लगती है। एक है गेमिंग डिसऑर्डर। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसे एक मानसिक बीमारी के रूप में स्वीकार किया है। इससे पीड़ित व्यक्ति को नींद नहीं आती और वह अपने सामाजिक जीवन को भी नजरअंदाज करने लगता है। अंगूठे में दर्द हो सकता है। एक सर्वे के अनुसार स्मार्टफोन यूज करने वाले करीब 43 प्रतिशत लोगों में यह शिकायत है। अंगूठे के साथ उंगलियों, कलाई और कोहनी तक में दर्द, सूजन हो सकता है।

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