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NMC ने लिए मेडिकल छात्रों के हित में कई फैसले

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। अब मेडिकल के छात्र हर साल कम से कम 20 साप्ताहिक छुट्टी ले सकेंगे। इसके साथ ही हर साल पांच दिन की एजुकेशनल लीव भी मिलेगी। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने इन छात्रों के तनाव को दूर करने और जीवन को आसान बनाने के लिए यह फैसला लिया है। मेडिकल कॉलेजों को इसका सख्ती से पालन करने का निर्देश भी दिया गया है।

कोर्स के दौरान तीन माह जिला अस्पताल में

रिपोर्ट के मुताबिक आयोग की बैठक में यह तय किया गया कि मेडिकल छात्रों को कोर्स के दौरान तीन महीने जिला अस्पताल में बिताने होंगे। इन्हें अब फुल टाइम रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में काम करना होगा। आराम के लिए पर्याप्त समय भी दिया जाएगा। आयोग के पीजी मेडिकल एजुकेशन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. विजय ओझा के अनुसार इन फैसलों से मेडिकल छात्रों को आराम का समय मिलेगा ताकि वे अगले दिन नई एनर्जी से काम कर पाएं।

NExT लागू करने के संकेत

बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि अगर कोई छात्र स्वीकृत दिनों से अधिक की छुट्टी लेता है तो उसका ट्रेनिंग पीरियड उतने ही दिन बढ़ जाएगा यानी उसे उतने दिन की ट्रेनिंग और लेनी पड़ेगी। परीक्षा देने के लिए 80 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी। इनके लिए जरूरी नहीं है कि कॉलेज के हॉस्टल में ही रहें लेकिन कॉलेजों के लिए अनिवार्य है कि वे हॉस्टल की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराएं। PG कोर्स में दाखिले के लिए NEET की अनिवार्यता खत्म की जाएगी, लेकिन यह नियम तब तक लागू रहेगा, जब तक प्रस्तावित नेशनल एग्जिट टेस्ट (NExT) लागू नहीं हो जाता।

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