नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारत 2050 तक चिकित्सा प्रौद्योगिकी और उपकरणों के क्षेत्र में 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने के अनुमान के साथ वैश्विक केंद्र बनने के लिए पूर्ण रूप तैयार है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इंडिया मेडटेक एक्सपो 2023 के पूर्वावलोकन कार्यक्रम में कही। यह कार्यक्रम 17 से 19 अगस्त तक गांधीनगर में जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के दौरान आयोजित किया जाएगा।
बाजार हिस्सेदारी में होगी अच्छी वृद्धि
उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरण क्षेत्र देश के उभरते क्षेत्रों में प्रमुख है। सरकार भारत को चिकित्सा उपकरणों का निर्माण हब बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि 1.5 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी के साथ हमें अगले 25 साल में भारत की बाजार हिस्सेदारी 10-12 प्रतिशत तक पहुंचने की आशा है। हाल ही शुरू की गई राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति 2023 के प्रभावी कार्यान्वयन के साथ हम 2030 तक चिकित्सा उपकरणों के विकास को वर्तमान 11 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 50 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने के प्रति आश्वस्त हैं।
एक्सपो दिखायेगा भारत की उपलब्धि
डॉ. मांडविया ने कहा कि पहले हमने फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों सहित स्वास्थ्य क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों को भंडार क्षेत्र में देखा था। सरकार ने भारत के स्वास्थ्य परिदृश्य को 2047 तक बदलने का समग्र दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शुरू की गई उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजना जैसी कई नई पहलों से देश में 43 महत्वपूर्ण सक्रिय दवा घटक (API) का उत्पादन किया जा रहा है। सरकार इस क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए थोक दवा पार्क और चिकित्सा उपकरण पार्क भी बना रही है। मेडटेक एक्सपो चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं, दवाओं, उपकरणों और सुविधाओं में भारत के नवाचारों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा।