नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारत मिशन मोड, बहु-सहभागी, बहु-क्षेत्र वाले अभियान के माध्यम से वैश्विक लक्ष्य से तीन साल पहले 2027 तक लिम्फैटिक फाइलेरिया को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने देश में दवा देने (Mass Drug Administration, MDA) की वार्षिक पहल के दूसरे चरण का उद्घाटन करने के दौरान कही। इस मौके पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार तथा राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल और विभागीय अधिकार आदि भी मौजूद रहे। वर्चुअल रूप से कुछ राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री भी इसमें उपस्थित रहे।
दूसरा चरण 9 राज्यों को कवर करेगा
मंत्री ने कहा कि 10 अगस्त से शुरू इस अभियान का दूसरा चरण 9 चिन्हित राज्यों (असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश) के 81 जिलों को कवर करेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रयास केवल दवाएँ लेने तक सीमित नहीं हो बल्कि मच्छरों के माध्यम से फैलने वाली बीमारियों को खत्म करने की भी कोशिश की जाये। इसके बिना लक्ष्य को प्राप्त करने की हमारी प्रगति काफी हद तक बाधित होगी।
एक स्वस्थ राष्ट्र सुनिश्चित करना होगा
केंद्रीय मंत्री ने सभी के लिए एक स्वस्थ राष्ट्र सुनिश्चित करने की दिशा में राज्य और केंद्र सरकारों के बीच तालमेल बढ़ाने पर भी जोर दिया। मंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में जन अभियानों की सफलता के बारे में बात की। इस संबंध में उन्होंने नि-क्षय मित्र का उदाहरण दिया। डॉ. मांडविया ने इस बात का समर्थन किया कि इस बीमारी को खत्म करने के उपाय के रूप में स्वास्थ्य कर्मियों या पेशेवरों के सामने दवा की खुराक देने पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने डेंगू और चिकनगुनिया के नैदानिक प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए।
अभियान स्वास्थ्य एजेंडा का अंग
मंत्रालय के सचिव सुधांश पंत ने कहा कि फाइलेरिया के खिलाफ मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की शुरुआत हमारे स्वास्थ्य एजेंडे का एक महत्वपूर्ण क्षण है। लिम्फैटिक फाइलेरिया को खत्म करने के हमारे प्रयास में, यह महत्वपूर्ण है कि चिन्हित जिलों में निरंतर मजबूत MDA कवरेज हासिल की जाए। हमारा सामूहिक दृढ़ संकल्प, लिम्फैटिक फाइलेरिया को खत्म करके स्थानीय लोगों के जीवन को बदलने में सहायता प्रदान करेगा।