स्वस्थ भारत मीडिया
कोविड-19 / COVID-19 समाचार / News

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कोविड-19 का पता लगाएंगे भारतीय वैज्ञानिक

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से डेटासेट में कोविड-19, निमोनिया, सार्स, सामान्य फ्लू जैसे रोगों से ग्रस्त मरीजों तथा सामान्य लोगों के चेस्ट एक्स-रे छवियों का उपयोग किया जा रहा है

उमाशंकर मिश्र
Twitter handle: @usm_1984
नई दिल्ली, 10 मई (इंडिया साइंस वायर)
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से कोविड-19 की पहचान के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने अब एक नई पहल की है। लखनऊ स्थित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) एवं किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू)की इस पहल के अंतर्गत कोविड-19 की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित डायग्नोसिस टूल विकसित किया जा रहा है।
दोनों संस्थानों की इस संयुक्त परियोजना के तहत कोविड-19 रोगियों की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मॉडल विकसित किये जा रहे हैं, जिसमें विश्लेषण के लिए एक्स-रे इमेज का उपयोग किया जाएगा।एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक एवं केजीएमयू के कुलपति प्रोफेसर एम.एल.बी. भटट् के संयुक्त वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है।

इसे भी पढ़ेंः जी हां, कोविड-19 योद्धा ऐसे होते हैं…

प्रोफेसर पाठक ने बताया कि “हमारी कोशिश एक सटीक डायग्नोसिस टूल विकसित करने की है, जिसके लिए उपयुक्त डेटासेट की उपलब्धता महत्वपूर्ण हो सकती है।” प्रोफेसर एम.एल.बी. भटट् ने बताया कि “इस अध्ययन के दौरान डेटासेट से संबंधित आंकड़े केजीएमयू द्वारा प्रदान किए जाएंगे। जबकि, एकेटीयू के वैज्ञानिक मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से मॉडल को विकसित करेंगे। इस मॉडल को विकसित करने के बाद इसकी मदद से कोविड-19 मरीजों की पहचान की जा सकेगी।”
शोधकर्ताओं का कहना है कि डिस्क्रीमनेट्री फीचर्स के उपयोग से इस मॉडल को प्रशिक्षित किया जाएगा। अध्ययन के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलीजेन्स मॉडल में छाती की एक्स-रे इमेज के लेबल किए हुए डेटासेट का उपयोग किया जाएगा। डेटासेट में कोविड-19, निमोनिया, सार्स, सामान्य फ्लू जैसे रोगों से ग्रस्त मरीजों तथा सामान्य लोगों के चेस्ट एक्स-रे छवियों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे यह प्रणाली कोविड-19को अन्य बीमारियों से अलग कर सके। इस मॉडल में स्वचालित वर्गीकरण के लिए डीप लर्निंग सीएनएन नेटवर्क का भी उपयोग किया जाएगा।
प्रोफेसर पाठक ने बताया कि “कुछ अन्य संस्थान भी इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल को विकसित करने केलिए  मेडिकल  इमेज आधारितनमूने उपलब्ध कराने में सहयोग कर रहे हैं। इन संस्थानों में उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, इटावा;राजकीय मेडिकल कॉलेज, कोटाऔर सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज, आगरा शामिल हैं।
 
 
 
 
 
 

Related posts

हेल्थ, फिटनेस और मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस रहा ‘मन की बात’ में

admin

चंद्रयान की टेक्नोलॉजी ने नासा को भी ललचाया

admin

दृष्टिबाधितों को सशक्त कर रहा है ‘दिव्य नयन’

admin

Leave a Comment