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लिम्फेटिक फाइलेरिया की दवा वितरण का कार्यक्रम हुआ प्रारंभ

lymphatic filariasis

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने यहां लिम्फेटिक फाइलेरिया (LF) बीमारी से प्रभावित 13 चिन्हित राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इसके उन्मूलन के लिए वार्षिक राष्ट्रीय सार्वजनिक औषधि वितरण (MDA) अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान में 13 राज्यों के 111 प्रभावित जिलों को शामिल किया जाएगा जिसमें घर-घर जाकर फाइलेरिया की रोकथाम के लिए दवाइयां दी जाएंगी। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों में  आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, ओडिशा, बिहार, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री शामिल रहे।

लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन का मुख्य घटक MDA

लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन रणनीति का मुख्य घटक एमडीए अभियान है, जिसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (NCVBDC) चलाता है। यह कार्यक्रम घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवा वितरण पर केंद्रित है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस बीमारी से पीड़ित हर व्यक्ति इस रोग को फैलने से रोकने के लिए निर्धारित दवा का सेवन करे। लिम्फेटिक फाइलेरिया को आमतौर पर “हाथी पांव” के रूप में जाना जाता है जो संक्रमित मच्छरों से फैलने वाला एक परजीवी रोग है। यह लिम्फोएडेमा (अंगों की सूजन) और हाइड्रोसील (अंडकोष की सूजन) जैसी शारीरिक दिव्यांगताओं को जन्म दे सकता है और प्रभावित लोगों और परिवारों पर दीर्घकालिक बोझ डाल सकता है। भारत को फाइलेरिया मुक्त बनाना हमारी प्रतिबद्धता है।

लिम्फेटिक फाइलेरिया से शरीर में अक्षमता

लिम्फेटिक फाइलेरिया लोगों को अक्षम बना देता है और उनके जीवन की गुणवत्ता को खराब करता है। इसे देखते हुए श्री नड्डा ने यह सुनिश्चित करने के लिए पांच-आयामी रणनीति को लागू करने का आह्वान किया कि 2030 के सतत विकास लक्ष्य से बहुत पहले इस बीमारी को जड़ से खत्म कर दिया जाए। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि एमडीए अभियान के दौरान कोई भी छूट न जाए। यह अभियान 13 राज्यों के 111 जिलों में साल में दो बार होता है। उन्होंने बताया कि 10 फरवरी से ये दवाएं इस बीमारी से चिन्हित जिलों में 17.5 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी। यह जरूरी है कि इन क्षेत्रों के निवासी इन दवाओं का सेवन करें और अपने परिवार सहित खुद को इस दुर्बल करने वाली बीमारी से बचाएं।

रोग और मरीज की निगरानी करनी होगी

श्री नड्डा ने राज्यों से आग्रह किया कि वे पीड़ित लोगों का शीघ्र निदान सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तर पर अभियान की निगरानी करें। उन्होंने इसके लिए चिन्हित राज्य व जिला स्तर पर राजनीतिक और प्रशासनिक नेतृत्व की व्यक्तिगत भागीदारी का भी आह्वान किया। केंद्रीय मंत्री ने अभियान से जुड़ी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को शामिल करके समग्र सरकारी दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रभावी आईईसी गतिविधियों को लागू करने का आग्रह किया।

लिम्फेटिक फाइलेरिया केस में सर्जरी का भी विकल्प

श्री नड्डा ने कहा कि बेहतर स्व-देखभाल तक पहुंच के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिर (AAM) सुविधाओं में MMDP सेवाओं को पूरी तरह से शामिल करने के प्रयास चल रहे हैं और लगभग 50 प्रतिशत लिम्फोडेमा मामलों में सालाना रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता रोकथाम (एमएमडीपी) किट प्राप्त होती हैं। उन्होंने कहा कि एनएचएम के तहत, हाइड्रोसेलेक्टोमी सर्जरी का प्रावधान है और पीएमजेएवाई योजना में भी लाभार्थियों के लिए हाइड्रोसेलेक्टोमी का विकल्प है। उन्होंने बताया कि 2024 में लगभग 50 प्रतिशत हाइड्रोसेले सर्जरी चिन्हित राज्यों में की गई थी। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन प्रयासों के माध्यम से, आरोग्य मंदिर एलएफ के बोझ को कम करने में मदद करेंगे। इस बीमारी में मृत्यु दर बहुत अधिक है।

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