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भारत में खाद्य प्रसंस्करण तथा भंडारण ढांचे को बढ़ावा : मंत्री

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। खाद्य प्रसंस्करण के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY) की परिकल्पना एक व्यापक पैकेज के रूप में की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप खेत से लेकर खुदरा दुकानों तक कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा। यह न केवल देश में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की क्षमता में भी सुधार करेगा, जो किसानों को बेहतर रिटर्न प्रदान करने और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने, कृषि उपज की बर्बादी को कम करने, प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाने और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के निर्यात को बढ़ाने में मदद करेगा।

खाद्य प्रसंस्करण के लिए साइलो का निर्माण

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रवनीत सिंह ने यह जानकारी राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने कहा कि पीएमकेएसवाई के तहत स्टैंडअलोन कोल्ड स्टोरेज का समर्थन नहीं किया जाता है, लेकिन 2017 में शुरू होने के बाद से पीएमकेएसवाई के तहत कैप्टिव उपयोग के लिए स्वीकृत स्टोरेज की हैं। इसके अलावा, पीएमकेएसवाई की एक उप-योजना एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना योजना के तहत पिछले पांच वर्षों में तेलंगाना राज्य में 6 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। भंडारण सुविधाओं को उन्नत और आधुनिक बनाने के लिए, भारत सरकार ने देश में पीपीपी मोड पर स्टील साइलो के निर्माण के लिए कार्य योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत पूरे देश में विभिन्न स्थानों पर 24.25 LMT क्षमता के साइलो कार्यान्वयन के अधीन हैं जिनमें से 17.75 एलएमटी क्षमता वाले साइलो पूरे हो चुके हैं और शेष 6.5 एलएमटी विकास के विभिन्न चरणों में हैं। इसके अलावा 2007-09 में सर्किट बेस मॉडल के तहत 7 स्थानों पर 5.5 एलएमटी क्षमता के साइलो का निर्माण और उपयोग में लाया जा चुका है। हब और स्पोक मॉडल के चरण-1 के तहत FCI के स्वामित्व वाली भूमि पर 14 स्थानों पर 10.125 एलएमटी अनाज साइलो निर्माण हो रहा है।

छतरी योजना लागू

खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने बताया कि उद्योग मंत्रालय 2016-17 से केंद्रीय क्षेत्र की छतरी योजना-पीएमकेएसवाई को लागू कर रहा है, जिसका उद्देश्य फसल-उपरांत बुनियादी ढांचे और प्रसंस्करण सुविधाओं का निर्माण करना है ताकि फसल ​तैयार होने के बाद नुकसानों में कमी लाने सहित खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा दिया जा सके। पीएमकेएसवाई के अंतर्गत घटक योजनाएं उद्यमियों को खाद्य प्रसंस्करण व संरक्षण बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए अनुदान के रूप में ऋण से जुड़ी पूंजी सब्सिडी प्रदान करती हैं जिसमें कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रिजरेटेड वाहन शामिल हैं।

खाद्य प्रसंस्करण विभाग रोक रहा नुकसान

खाद्य प्रसंस्करण ने बताया कि नाबार्ड कंसल्टेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (नैबकॉन्स) द्वारा 2020 में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MOFPI) द्वारा सहायता प्राप्त एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना योजना के अंतर्गत कार्यान्वित इकाइयों के प्रभाव पर मूल्यांकन अध्ययन के अनुसार, यह रेखांकित किया गया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना योजना के हस्तक्षेप के कारण सभी क्षेत्रों में नुकसान में कुछ कमी देखी गई, लेकिन फलों और सब्जियों, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र में नुकसान में महत्वपूर्ण कमी देखी गई।

खाद्य प्रसंस्करण का पैकेज

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के अलावा, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने भी जुलाई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) योजना शुरू की है, ताकि फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे में सुधार हो और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियां बनाई जा सकें। AIF योजना बैंकों और अन्य ऋण देने वाली संस्थाओं द्वारा कोल्‍ड स्‍टोरेज सुविधाओं, गोदामों और प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के लिए मध्यम से लंबी अवधि के ऋणों की मंजूरी की सुविधा प्रदान करती है, जिसका उद्देश्य फसल की बर्बादी को कम करना और मूल्य संवर्धन को बढ़ाना है।

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