नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। 2023 तो समाप्त हो चुका। पीछे पलट कर देखें तो पता चलता है कि ऐसी चार महामारी दुनिया भर में फैली जिसके मरीजों की संख्या काफी आगे तक पहुंची। कोरोना तो पिछले तीन साल से किसी न किसी वैरिएंट के साथ आ ही रहा है। चलिए जानते हैं ऐसी महामारियों को। .
चीन में निमोनिया का टूटा कहर
चीन में निमोनिया महामारी बनकर सामने आयी। इसके कारण बड़ी संख्या में बच्चे सांस लेने में परेशानी के कारण अस्पतालों में भर्ती होने लगे थे। चीन ने इसे पैतोजन या इंफेक्शन संबंधी बीमारी होने से इनकार करते हुए कहा कि यह कोई असामान्य बीमारी नहीं है। कोरोना के वक्त की पाबंदियां हटाए जाने के कारण बच्चों को फ्लू हो रहा है। 2019 मे कोविड यही से शुरू हुआ था और महामारी के रूप में दुनियाभर में फैला था।
केरल तक पहुंचा टोमैटो फीवर
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार लैंसेट स्टडी में बताया गया है कि टोमैटो फ्लू के लक्षण कोविड-19 वायरस के समान ही होते हैं लेकिन यह वायरस SARS-COV-2 से संबंधित नहीं हैं। यह पूरी तरह अलग है। टोमैटो फ्लू बच्चों में चिकनगुनिया या डेंगू बुखार के बाद हो सकता है। इसमें पूरे शरीर में लाल और दर्द वाले फफोले हो जाते है जिसका आकार टमाटर के बराबर भी हो सकता है। यह संक्रमण पांच साल से कम उम्र के बच्चों को अपना शिकार बना रहा था। रोज इसके 500 से पार मरीज मिल रहे थे। केरल में भी बच्चों में इसके लक्षण मिले थे।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ने भी दी दस्तक
दुनिया के कई देशों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले भी लगातार बढ़े। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) भी कोरोना की ही तरह से श्वसन पथ को संक्रमित करता है, हालांकि कोरोना के इतर इस वायरस के कारण ऊपरी और निचले दोनों श्वसन पथ में संक्रमण का खतरा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना था कि जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, उनमें इसके कारण गंभीर बीमारी होने का खतरा अधिक होता है। 2023 में इस महामारी के मरीजों का आकंड़ा 45 प्रतिशत PCR और 85 प्रतिशत एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट सकारात्मक आए थे।