नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। सिंगापुर में कोविड-19 केे नए वेरिएंट से संक्रमण तेजी से फैलने लगा है। इसके लिए मास्क लगाने समेत पुराने उपायों को वापस लागू किया गया है। लोगों से एयरपोर्ट पर मास्क पहनने का आग्रह किया है और बुखार की जांच करने के लिए थर्मल स्कैनर भी फिर से चालू होंगे। वहां के स्वास्थ्य मंत्री ओंग ये कुंग ने चेतावनी दी है कि देश कोविड-19 की एक और लहर का सामना कर रहा है। वहां इसके रोजाना करीब एक हजार नए मामले सामने आ रहे हैं।
फेफड़े में दो साल तक चिपका रह सकता है कोरोना
कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों में वायरस करीब दो साल रह सकता है। यह दावा एक चिकित्सा अध्ययन में सामने आया है, जो नेचर इम्यूनोलॉजी जर्नल ने प्रकाशित किया है। अध्ययन के अनुसार कोविड का कारण बनने वाला वायरस सार्स SOV-2 कुछ व्यक्तियों के फेफड़ों में संक्रमण के बाद 18 से 24 महीने तक रह सकता है। संक्रमित होने के एक से दो सप्ताह बाद सार्स SOV-2 वायरस का आमतौर पर ऊपरी श्वसन नली में पता नहीं चल पाता, लेकिन कुछ वायरस संक्रमण पैदा करने के बाद शरीर में गुप्त और अज्ञात तरीके से बने रहते हैं।
यहां हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का खतरा ज्यादा
वैज्ञानिकों ने स्टडी के बाद कहा है कि एशिया, यूरोप, अफ्रीका, मध्य पूर्व में हृदय रोगों से होने वाली मौतों का सबसे ज्यादा खतरा है। शोधकर्ताओं ने 21 रीजन्स के डेटा का विश्लेषण करने के बाद पाया कि वैश्विक स्तर पर हृदय रोग से संबंधित मौतों के आंकड़े 1990 में 12.4 मिलियन से बढ़कर 2022 में 19.8 मिलियन पहुंच गई है, जो काफी अधिक है। अध्ययन किए गए 204 स्थानों में से 27 में इन मौतों की दर 2015-2022 के बीच में बढ़ी है।