जबलपुर/
अबतक दवा दुकानों को दवा आपूर्ति कर रहे मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव अब अवैध दवा दुकानों की सूची बनाने में जुट गये है। इसकी शुरुवात मध्य प्रदेश के जबलपुर से की गई है। अभियान की शुरुवात करने वाले बरिष्ठ फार्मासिस्ट विवेक मौर्य ने बताया कि मध्य प्रदेश में हज़ारों की तादाद में झोला छाप डॉक्टर और अवैध दवा की दुकानें चल रही है। दवा कंपनियों की एजेंसी नियम कानून को ताक पर रखकर झोला छाप डॉक्टरों, प्राइवेट अस्पतालों व बगैर लाइसेंस की मेडिकल दुकानों को गैर क़ानूनी रूप से दवा सप्लाई कर रही है। उन्होंने आगे बताया की ऐसे भी मेडिकल दुकानों को चिन्हित किया जा रहा है, जहाँ फार्मासिस्ट उपलब्ध नहीं रखते और उनकी गैर मौजूदगी में दवा वितरण कार्य होता है।
इस कड़ी में प्रांतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने एक विशेष टीम का गठन किया है जो दवा विक्रेताओं को अवैध तरीके से दवा वितरण करने वालों पर लगाम लगाने हेतु औषधि नियंत्रण विभाग से साथ मिलकर काम करेगी। इस बावत सभी जिले के कलेक्टरों को सूचित किया जा रहा है। अगर ड्रग इंसपेक्टर और औषधि नियंत्रण प्रशासन के अधिकारी सहयोग नहीं करेंगे तो उनपर भी करवाई हेतु सरकार को लिखा जाएगा। इस अभियान के अभियान के लिए मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव का काम कर रहे फार्मासिस्टों को ज़िम्मेदारी दी गई है । इस खबर से जहाँ दवा विक्रेताओं में हड़कम्प मचा हुवा है, वही दूसरी तरफ अवैध तरीके से दवा वेच रहे डॉक्टरों की भी साँसे फूल गयी है।
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