नयी दिल्ली )स्वस्थ भारत मीडिया)। मिशन मौसम की मंजूरी से भारत जलवायु स्मार्ट देश बन सकेगा। इससे 2026 तक जलवायु परिवर्तन और मौसम संबंधी घटनाओं के तीव्र प्रभावों से बचाया जा सकेगा। मिशन मौसम मुख्यालय में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम रविचंद्रन, IMD के डीजी डॉ. मृत्युंजय महापात्रा और राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCMRWF) के प्रमुख डॉ. वी एस प्रसाद ने पत्रकारों को दी। केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही इसके लिए दो हजार करोड़ का आवंटन किया है।
दो साल में काम होगा पूरा
इन्होंने बताया कि इस मिशन का उद्देश्य देश में मौसम और जलवायु निगरानी, मेधा, प्रतिमान और भविष्यवाणी में वृद्धि कर बेहतर, अधिक उपयोगी, अचूक और समय से सेवा प्रदान करना है। इसका कार्यान्वयन 2024-2026 के बीच किया जाएगा। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तीन संस्थान भारत मौसम विज्ञान विभाग, NCMRWF और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान मुख्य रूप से इस मिशन को लागू करेंगे। अन्य संस्थानों (भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र, राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र और राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान) का भी सहयोग मिलेगा।