नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। महीनों तक भय का कारण बने मंकीपॉक्स अब ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं रही। इससे पहले कोरोना को भी इस कैटेगरी से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने निकाल दिया था। हाल ही कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
WHO ने कर दी घोषणा
आधिकारिक बयान के मुताबिक मंकीपॉक्स के मामले अब कम मिल रहे हैं। दुनियाभर के 111 देशों में इस वायरस के 87 हजार से ज्यादा मामले सामने आए थे। अब यह वायरस गंभीर खतरे का कारण नहीं है। यही वजह है कि अब मंकीपॉक्स को वैश्विक महामारी नहीं कहा जा सकता है। संगठन ने यह भी कहा है कि मंकीपॉक्स से सिर्फ ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी का टैग हटाया गया है। इसका मतलब यह नहीं है कि वैश्विक स्तर पर यह बीमारी पूरी तरह खत्म हो गई है। इसलिए अभी भी इस वायरस को लेकर जो नियम लागू किए गए थे, उनका पालन करते रहना है।
नाम भी बदला था WHO ने
नाम को लेकर फैली भ्रांतियों के चलते दिसंबर में मंकीपॉक्स का नाम बदलकर एमपॉक्स (MPOX) कर दिया था। WHO को पिछले दिनों कई देशों से इस बीमारी का नाम बदलने का सुझाव मिला था जिसके बाद इसका नाम बदला गया था। WHO ने यह दलील दी थी कि मंकीपॉक्स का प्रकोप शुरू होने पर दुनियाभर के कई देशों इसके लिए आपत्तिजनक, भेदभावपूर्ण और नस्लभेदी भाषा का इस्तेमाल किया था। इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सामने कई देशों ने अपनी चिंता भी व्यक्त की थी।