नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। इस साल गर्मी हर जगह रिकार्ड तोड़ रही है। तापमान के अप्रत्याशित तेजी और गर्म हवाओं ने लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त कर रखा है। लोग गर्मीजनित रोगों के शिकार होकर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। पिछले साल ही शोधपत्रिका लांसेट ने कह दिया था कि तापमान में वृद्धि से मौत में पांच गुना तक इजाफा होगा।
भयावह गर्मी वाला होगा भविष्य
द लांसेट विश्लेषण के अनुसार अगर सदी के अंत तक तापमान 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ा, तो सदी के मध्य तक सालाना गर्मी से संबंधित मौतों में 370 फीसद की वृद्धि होने का अनुमान है। ऐसा होना भयावह गर्मी के भविष्य का संकेत है। स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन पर लांसेट काउंटडाउन की 8वीं वार्षिक रिपोर्ट में यह लिखा गया है।
कार्बन डाइऑक्साइड का भारी उत्सर्जन
लांसेट काउंटडाउन के कार्यकारी निदेशक मरीना रोमानेलो ने एक बयान में कहा है कि यह खतरा दुनियाभर में जीवन और आजीविका पर भारी पड़ रहा है। अब भी प्रति सेकेंड 1,337 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होने के बावजूद हम इतनी तेजी से उत्सर्जन में कमी नहीं कर पा रहे हैं ताकि जलवायु संबंधी खतरों को उस स्तर के भीतर रख सकें जिससे हमारी स्वास्थ्य प्रणालियां निपट सकें।