नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। अंगदान को मुहिम बनाने का असर धीरे-धीरे होने लगा है। हाल ही इस पर ‘पलक’ नाम की फिल्म बनी है। अब मैसूर से खबर मिल रही है कि एक युवा के ब्रेन डेड की हालत में उसके परिजनों ने युवक के अंगों का दान कर 8 लोगों को जीवनदान दिया है। ऐसे पैरेन्ट्स सलाम पाने के हकदार हैं।
मैसूर की घटना
खबर के मुताबिक मैसूर में 31 साल के एक युवक लोहित की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। परिवार ने ब्रेन डेड हो चुके लोहित के शरीर के अंग दान करने का फैसला लिया। उसका दिल, फेफड़े, लिवर और किडनी राज्य के कई हॉस्पिटल में मरीजों को ट्रांसप्लांट किए गए। लोहित के शरीर से कुल 8 लोगों को जीवनदान मिला। लोहित का दिल, दो किडनी, पेंक्रियाज, लिवर और कॉर्निया डोनेट किए गए। इनमें दिल नेशनल हॉस्पिटल बेंगलुरु, लिवर अपोलो बीजीएस हॉस्पिटल, मैसूर, एक किडनी और पेंक्रियाज अपोलो बीजीएस अस्पताल, मैसूर में और दूसरी किडनी बीजीएस ग्लोबल, बेंगलुरु भेजी गई। वहीं कॉर्निया को केआर. अस्पताल, मैसूर भेजा गया।
हादसे में युवा की हुई थी मौत
लोहित का एक्सीडेंट 27 सितंबर को हुआ था। तब उन्हें क्रिटिकल कंडीशन में अपोलो बीजीएस हॉस्पिटल लाया गया। सीटी स्कैन में लोहित को ब्रेन स्टेम इन्फार्क्ट (वह स्थिति जिसमें खून दिमाग तक नहीं पहुंच पाता) का पता चला। उन्हें 2 दिनों तक आईसीयू में रखा गया। इसके बाद अपोलो के डॉक्टरों ने मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के तहत बने प्रोटोकॉल के अनुसार 30 सितंबर को ब्रेन स्टेम की विफलता के कारण ब्रेन डेड घोषित कर दिया। दुर्घटना से पहले लोहित स्वस्थ थे। ऑर्गन डोनेशन के लिए लोहित के कुछ टेस्ट हुए, जो सफल रहे। बाद में उनके परिवार के सदस्यों को अंगदान के लिए मनाया गया। इसके बाद लोहित के पैरेंट्स डोनेशन के लिए तैयार हो गए।