नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। कोरोना के थमने के बाद चीन में एक नया वायरस तेजी से फैल रहा है। यह बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। इस वायरस का नाम ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (Human Metapneumo Virus) है, जो RNA वायरस है। इसके लक्षण कोरोना और आम फ्लू जैसे ही हैं। WHO ने इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की है जबकि भारत निगरानी कर रहा है।
न कोई वैक्सीन, न दवा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में इस वायरस के फैलने के बाद कई जगहों पर इमरजेंसी का ऐलान कर दिया गया है। यह भी दावा किया गया है कि इसके कारण चीन के कई राज्यों में अस्पतालों के बेड फुल हो चुके हैं। हॉन्गकॉन्ग के अखबार हॉन्गकॉन्ग एफपी ने दावा किया है कि चीन कें लोगों में बड़े स्तर पर सांस से जुड़ी समस्याएं दर्ज की जा रही हैं। हालांकि हॉन्गकॉन्ग में इस वायरस से जुड़े मामले कम हैं। इसकी न तो कोई वैक्सीन है न किसी एंटी बायोटिक का असर हो रहा है।
श्वसन तंत्र पर प्रभाव
एक्सपर्ट कहते हैं कि यह वायरस मुख्य रुप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इससे आमतौर पर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग, बच्चों और बुजुग प्रभावित हो सकते है। इस वायरस की खोज पहली बार 2021 में नीदरलैंड में हुई थी। यह आमतौर पर ऊपरी श्वसन संक्रमण का कारण बनता है, लेकिन कभी-कभी यह निमोनिया, अस्थमा का कारण भी बन सकता है। इसका संक्रमण सर्दियों के मौसम में तेजी से फैलता है। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। 2023 में HMPV के कई मामले नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और चीन में दर्ज किए गए हैं।
भारत की स्थिति पर नजर
इस बीच राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) चीन में Human Metapneumo Virus के प्रकोप को देखते हुए देश में श्वसन और मौसमी इन्फ्लुएंजा के मामलों पर करीबी नजर रखे हुए है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) डॉ. अतुल गोयल ने कहा कि यह सांस से संबंधित किसी भी अन्य वायरस की तरह है, जो सामान्य जुकाम का कारण बनता है। उन्होंने कहा कि यह युवाओं और अधिक आयु के लोगों में फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर सकता है।