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कैमरून में जहरीले कफ सिरप से कई बच्चों की मौत

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। अफ्रीकी देश कैमरून में खांसी की दवा के कारण 6 बच्चों की मौतों का मामला सामने आया है। WHO ने भारतीय अधिकारियों से मदद मांगी है ताकि पता लगाया जा सके कि दवा कहां बनी। उसने दो दिन पहले ही चेतावनी जारी की थी कि कैमरून में बच्चों की मौतों का संबंध नेचरकोल्ड (Naturcold) नाम से बेची जा रही खांसी की दवा से हो सकता है। इसमें Diethylene glycol ग्लाकोल नामक जहरीले रसायन की भारी मात्रा पायी गयी है। मामला इसी साल अप्रैल का है।

कहां की दवा, हो रही खोज

दवा की बोतल पर निर्माता कंपनी का नाम फ्रैकन इंटरनेशनल (इंग्लैंड) लिखा है लेकिन वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया है कि इस नाम की कोई कंपनी उनके देश में नहीं है। इसके बाद WHO ने भारत तथा कई और देशों से संपर्क किया है ताकि पता चल सके कि इसे कहां बनाया जा रहा है। WHO के एक प्रवक्ता ने बताया कि हो सकता है कि यह दवा अन्य देशों में भी बेची जा रही हो।

पिछले साल भी आयी थी मौत की खबरें

संगठन का कहना है कि दवा में Diethylene glycol की मात्रा 0.1 फीसद से ज्यादा नहीं होनी चाहिए लेकिन Naturecold में इसकी मात्रा 28.6 फीसद तक पायी गयी है। 2022 में गांबिया, उज्बेकिस्तान और इंडोनेशिया में 300 से अधिक बच्चों की मौत खांसी की दवा के कारण होने की बात सामने आयी थी। अधिकतर मामलों में दवाएं भारतीय कंपनियों द्वारा बनायी गयी थीं।

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