नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। टीबी उन्मूलन प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने हरियाणा के पंचकूला में 100 दिवसीय गहन टीबी उन्मूलन अभियान का शुभारंभ किया। स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव और श्रीमती अनुप्रिया पटेल भी इस कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए।
347 जिले ज्यादा प्रभावित
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह अभियान टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को नई गति देने के इरादे से शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य 347 सबसे अधिक प्रभावित जिलों में टीबी रोगियों का शीघ्र पता लगाना और उनका उपचार करना होगा। श्री नड्डा ने बताया कि आजं टीबी का पता समय से पहले ही चल जाता है, जिसका श्रेय आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को जाता है। 2014 में 120 प्रयोगशालाओं की संख्या थी जो बढ़कर 8,293 हो गयी है। सरकार ने एक नई छोटी और अधिक प्रभावी व्यवस्था सहित दैनिक आहार शुरू किया है, जिससे टीबी के उपचार की सफलता दर 87 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
3338 करोड़ की निक्षय सहायता दी गई
श्री नड्डा ने बताया कि 1.17 करोड़ से अधिक टीबी रोगियों को 3,338 करोड़ रुपये की निक्षय सहायता प्रदान की गई है। सरकार ने हाल ही में निक्षय पोषण राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया है और टीबी रोगियों के पोषण सहायता के लिए ऊर्जा बूस्टर जोड़े हैं। अब निजी चिकित्सकों के लिए भी यह अनिवार्य कर दिया है कि वे टीबी रोगी की जानकारी दें ताकि उपचार फौरन शुरू किया जा सके। इससे निजी क्षेत्र में टीबी के बारे में सूचित करने की दर में 8 गुना वृद्धि हुई है।
4T से होगा TB का खात्मा
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार टीबी को खत्म करने के लिए 4T पर काम कर रही है, जो परीक्षण, ट्रैक, इलाज और प्रोद्योगिकी हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में गहन परीक्षण से नए टीबी मामलों का पता लगाया गया है, जिनका मुफ्त इलाज किया जा रहा है। उन्होंने सभी से हर नए टीबी मामले का डेटा निक्षय पोर्टल पर अपलोड करने का आग्रह किया, जो टीबी रोगियों को समय पर अपडेट भी प्रदान करता है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अपने टीबी उन्मूलन प्रयासों को और मजबूत करने के लिए गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज के साथ काम कर रही है।