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एक स्वास्थ्य : उत्तम स्वास्थ्य को लेकर शिखर सम्मेलन आयोजित

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ‘एक स्वास्थ्य : उत्तम स्वास्थ्य के लिए एकीकृत, सहयोगात्मक और बहुक्षेत्रीय दृष्टिकोण’ विषय पर भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) साझेदारी शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के लिए यह एक समग्र और एकीकृत पर्यावरण एवं प्रकृति के अनुकूल नीति-निर्माण वातावरण के साथ ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण को साकार करने में नेतृत्व करने का समय है।

हेल्थ सेक्टर में वैश्विक सहयोग जरूरी

उन्होंने कहा कि इस अवधारणा को केवल सक्रिय वैश्विक सहयोग के साथ ही वास्तविकता का अमली जामा पहनाया जा सकता है, जहां देश केवल अपने बारे में नहीं बल्कि सामूहिक वैश्विक परिणामों के बारे में सोचते हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र को एक देश तक सीमित नहीं किया जा सकता क्योंकि एक देश का स्वास्थ्य और भलाई दूसरे देश को प्रभावित करती है। हम परस्पर निर्भर दुनिया में रहते हैं, जिसमें न केवल देश बल्कि मानव आबादी का स्वास्थ्य भी आसपास के पर्यावरण और पशुओं के स्वास्थ्य से समान रूप से प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी ने यह दिखा दिया है कि कोई भी देश किसी भी देश के प्रतिकूल विकास से सुरक्षित नहीं है।

भारत की अग्रणी भूमिका सराहनीय

स्वदेशी अनुसंधान और पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में भारत की अग्रणी भूमिका की सराहना करते हुए, डॉ. मांडविया ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रत्येक देश के पास अपना मॉडल हो सकता है। हालांकि, अपने मॉडलों को समृद्ध करने और एक दूसरे के साथ तालमेल से काम करने के लिए एक-दूसरे की सर्वाेत्तम प्रथाओं से सीखना महत्वपूर्ण है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दुनिया में हमारे सामूहिक कार्य से एक स्वस्थ विश्व का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत का एकीकृत चिकित्सा का मॉडल इसका एक उदाहरण है। इस अवसर पर डॉ. नरेश त्रेहन, डॉ. राजेश जैन, डॉ. सुचित्रा एल्ला और भारत बायोटेक के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक पैनलिस्ट के रूप में उपस्थित थे। सबों ने भारतीय प्रयासों की सराहना की।

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