नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। WHO की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2022 में यह उजागर हुआ है कि 2020 की तुलना में 2021 में भारत में 21.4 लाख टीबी के मामले सामने आये जो 18 फीसद अधिक है। जबकि 2021 में टीबी का जल्द पता लगाने और इलाज के लिए पूरे देश में 22 करोड़ से अधिक लोगों की टीबी की जांच की गई।
बेहतर प्रदर्शन का मंत्रालय का दावा
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस रिपोर्ट पर स्पष्ट किया है कि भारत ने अन्य देशों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। 2021 में एक लाख की आबादी पर 210 केस मिले हैं। जबकि 2015 में प्रति लाख जनसंख्या पर 256 रोगी मिले थे। यानी 18 फीसद की गिरावट है जो वैश्विक औसत से बेहतर है। ये आंकड़े भी भारत को 36वें स्थान पर रखते हैं। जबकि कोरोना ने दुनिया भर में टीबी कार्यक्रमों को प्रभावित किया था। सरकार ने रोगियों की जांच के लिए घर-घर जाकर सक्रिय केस खेजने का अभियान चलाया। भारत के पास 4,760 से अधिक मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक मशीनें हैं, जो हर जिले में पहुंच रही हैं।
भारत का आंकड़ा अंतरिम
मंत्रालय ने वैश्विक रिपोर्ट के प्रकाशन से पहले WHO को सूचित किया था कि सटीक अनुमान पर पहुंचने के लिए घरेलू अध्ययन शुरू कर दिया है और 2023 के शुरुआत में भारत का डेटा प्रदान किया जाएगा। WHO ने भी इसेे स्वीकार करते हुए रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि 2000-2021 के लिए भारत में टीबी की घटनाओं और मृत्यु दर के अनुमान अंतरिम है।
सही डाटा 6 महीने बाद
उधर केंद्रीय टीबी डिवीजन (CTD) द्वारा शुरू किए गए अध्ययन के परिणाम लगभग छह महीने के समय में उपलब्ध होंगे और डब्ल्यूएचओ के साथ साझा किए जाएंगे। WHO की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जिसने 2021 में इस तरह का सर्वेक्षण पूरा किया औरं ‘भारत में काफी सुधार’ देखा गया।