नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। WHO ने ICD 11, पारंपरिक चिकित्सा मॉड्यूल 2 को एक समारोह में जारी कर दिया है। आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा पर आधारित रोगों से संबंधित डेटा और शब्दावली को इसमें शामिल किया गया है। इसके अंतर्गत इन प्रणालियों में उपयोग की जाने वाली बीमारियों का वर्गीकरण तैयार किया है। यह प्रयास भारत की स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली, अनुसंधान, आयुष बीमा कवरेज, अनुसंधान एवं विकास, नीति निर्माण प्रणाली को और मजबूत और विस्तारित करेगा। इसके अलावा, इन कोड का उपयोग समाज में विभिन्न बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए भविष्य की रणनीति बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
आयुष के आधुनिकीकरण की जरूरत
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई ने इसे जारी करते हुए कहा कि दुनिया भर में आयुष चिकित्सा को वैश्विक मानकों के साथ एकीकृत करके आधुनिकीकरण करने की आवश्यकता है। आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि आयुष मंत्रालय भविष्य में ICD-11, मॉड्यूल 2 के आधार पर सार्वजनिक स्वास्थ्य रणनीति तैयार करेगा और इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लागू करेगा। भारत में WHO के प्रतिनिधि डॉ. राडारिको एच. ऑफ्रिन ने कहा कि ICD-11 में पारंपरिक चिकित्सा शब्दावली का समावेश पारंपरिक चिकित्सा और वैश्विक मानकों के बीच एक संबंध बनाता है। WHO की सहायक महानिदेशक डीडीआई डॉ. समीरा असमा ने कहा कि ICD-11 में पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित रोग शब्दावली को शामिल करना एक एकीकृत वैश्विक परंपरा के निर्माण में एक मील का पत्थर साबित होता है।