आइएएमए के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ. अनिल गोयल मास्क को डिस्पोज करने की जानकारी दे रहे हैं ताकि कोविड-19 से ठीक से लड़ा जा सके।
आशुतोष कुमार सिंह
नई दिल्ली/ एसबीएम
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ. अनिल गोयल ने कोविड-19 से लड़ने में मास्क की उपयोगिता को रेखांकित किया है। साथ ही उन्होंने यह भी चेताया है कि अगर मास्क को सही तरीके से डिस्पोज नहीं किया गया तो इससे भारी नुकसान हो सकता है। यह कोविड-19 का वाहक भी हो सकता है।
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डॉ. अनिल गोयल ने स्वस्थ भारत मीडिया से बातचीत में कहा कि, कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क जरूरी है। साथ ही यह भी जरूरी है कि इस मास्क का रख-रखाव एवं इसका डिस्पोजल की सही प्रक्रिया अपनाई जाए।
उन्होंने कहा कि यह बताया जाना बहुत जरूरी है कि यूज किए हुए मास्क को कोई कूड़ादान में न फेंके। इसको मेडिकल वेस्ट की तर्ज पर डिस्पोज किया जाए। इसके लिए उन्होंने सरकार एवं सभी सिविक एजेंसियों से आग्रह किया है कि, इस तरह की व्वयस्था की जाए जिसमें बायो-कचरा फेंका जा सके।
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डॉ. गोयल ने जो आशंका जताई है, उसका निराकरण बहुत जरूरी है। आज के समय में देश भर के लोग मास्क पहन रहे हैं। इतना ही नहीं जो संक्रमित हैं अथवा खुद को होम क्वारंटाइन किए हुए हैं, उन्होने भी मास्क पहन रखा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि उनके द्वारा प्रयोग में लाए गए मास्क को कैसे डिस्पोज किया जा रहा है। अगर वे सामान्य कूड़े की तरह अपना मास्क कूड़ेदान में फेंक रहे हैं तो यह उन लोगों के लिए खतरा हो सकता है जो कूड़ा उठाते हैं।
ऐसे में सभी लोगों को अपने-अपने घरों में इस तरह के बायो-वेस्ट को एक पीले बक्से में रखना चाहिए। साथ ही इसको उठाने वालों को भी इस बात के बारे में जागरूक किया जाना जरूरी है कि इन बायो-वेस्ट को वे अलग रखे। इस कचरे का निस्तांतरण बायो-वेस्ट के तरह ही किया जाना चाहिए। ऐसा मानना है डॉ. अनिल गोयल का।
कोविड-19 की लड़ाई में जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। ऐसे में देश के सभी नागरिकों को अपना मास्क, गलप्स एवं अन्य बायो-वेस्ट को ठीक से निस्तांतरिक करने आना बहुत जरूरी है।