पूरी दुनिया में एक ही सवाल सभी पूछ रहे हैं कोविड-19 संकट से कब उबरेंगे। इसका उत्तर लेकर आए हैं ज्योतिष विज्ञानी दीपक कुमार
नई दिल्ली/एसबीएम
कोविड-19 के संक्रमण काल में सबसे ज्वलंत सवाल है कि कब खत्म होगा मौजूदा संकट। खगोलीय ग्रहों, विभिन्न राशियो में उनके संचरण, संचरण की तारीख़ आदि ज्योतिषीय गणना के आधार पर इस सवाल का जबाब खोजने का प्रयास किया है।
13 जनवरी 2020 से 30 जनवरी – बुध ग्रह का संचार मकर राशि में एवं 31 जनवरी 2020 से 6 अप्रैल 2020 तक – बुध ग्रह का संचार कुम्भ राशि में
इन दोनो राशियों मकर एवं कुम्भ के स्वामी शनि ग्रह हैं जिन्हें ज्योतिष में सुष्क, ठंढा, काला एवं बहुत धीरे चलने वाला माना जाता है। ये चीजो को देर करने वाले एवं अधिक मेहनत में कम फ़ायदा देने वाले माने जाते हैं। बुध ग्रह का इन दोनो राशियों में संचार बहुत ही लम्बा रहने वाला है, जो क़रीब 82 दिन चलेगा। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जिन चीज़ों का प्रतिनिधित्व बुध ग्रह करते हैं उनमें इसका प्रभाब देखने को मिलेगा एवं ये बहुत ही धीमी हो जाएगी। ज्योतिष में बुध ग्रह व्यवसाय, शेयर मार्केट, यातायात, हवाई अड्डा, पब्लिक प्लेसेज, पार्क, मनोरंजन इत्यादि का प्रतिनिधित्व करते हैं । शरीर के अंगो में नर्वस सिस्टम, श्वसन तंत्र , ब्रांकीयल टूब, फेफड़ा इत्यादि का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। ये उत्तर दिशा को दर्शाते हैं , जिसमे उत्तरी गोलार्द्ध भी आता है ।जाहिर है ये सब प्रभावित होगें।
24 जनवरी 2020 से 17 जनवरी 2023 तक – शनि ग्रह का संचार मकर राशि में एवं 17 जनवरी 2023 से 28 मार्च 2025 – शनि ग्रह का संचार कुम्भ राशि में
शनि ग्रह सेवा क्षेत्र, कड़ी मेहनत के साथ कम मज़दूरी, मजदूरों के नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसा देखा गया है कि जब भी शनि ग्रह मकर या कुम्भ राशि में संचार करते हैं तो शासन तंत्र को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है एवं प्रजा मुख़र हो जाती है । शासन को इनके फ़ायदे के लिए कदम उठाने पडते है और अंत में प्रजा को फ़ायदा होता है।
जैसा कि 30 साल पहले 1991 से 1995 तक भारत में नई आर्थिक नीति व वैश्वीकरण के संदर्भ में हुआ। इन पाँच वर्षो में, विश्व में, कई बड़ी बड़ी शासन व्यबस्था बदल सकती है।
27 फ़रवरी से 2020 से 25 मई 2020 तक – राहू एवं केतु के एक तरफ़ सभी ग्रहों का असंतुलित होना
छाया ग्रह राहू एवं केतू हमेशा एक दूसरे के विपरीत 180 डिग्री पर रहते हैं। बाक़ी सारे ग्रह इनके दोनो तरफ़ भ्रमण करते रहते हैं। लेकिन कभी-कभी सभी ग्रह राहू एवं केतू के एक ही तरफ़ आ जाते हैं, जिससे ग्रहों का असंतुलन पैदा हो जाता है। देखा गया है कि जब भी ऐसा होता है, किसी ना किसी तरह का परेशानी बढ़ जाती है। दुनिया को आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ता है।
22 मार्च 2020 से 4 मई 2020 तक – मंगल ग्रह का संचरण मकर राशि में –
मंगल ग्रह को काफ़ी क्रोधी, आग जैसा गरम एवं तेज माना जाता है। मंगल ग्रह मकर राशि में ज्यादा शक्तिशाली हो जाते है एवं ये अनुमान लगाना आसान है कि जब मंगल ग्रह, मकर राशि में संचरण करेंगे तो प्रजा में परेशानी बढ़ेगी। विषेशकर शनि ग्रह से जुड़ीं चीज़े जैसे की सेवा क्षेत्र एवं कड़ी मेहनत के साथ कम मज़दूरी पाने वाले लोगो में परेशानी बढ़ेगी। शासन तंत्र को भी बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
30 मार्च 2020 – 29 जून 2020 तक – गुरु का संचरण मकर राशि में –
गुरु ग्रह को अच्छे हृदय वाला, शांत, फ़ायदा देने वाला एवं धार्मिक चीज़ों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना जाता है। गुरु ग्रह अभी अपनी दुगनी रफ़्तार से चल रहे हैं। गुरु का संचरण मकर राशि में इनको बहुत कमजोर बना देती है एवं ये असहाय हो जाते हैं। इससे ये अनुमान लगाया जा सकता है कि समस्या में सुधार इस संचरण से भी नहीं होगा, उल्टा कोई ना कोई धार्मिक समूह से अधार्मिक कार्य हो जाएगा जिसका प्रभाव समाज पर लम्बे समय तक रह सकता है।
7 अप्रैल 2020 से 24 अप्रैल 2020 – बुध ग्रह का संचरण मीन राशि में –
82 दिनो का बुध ग्रह का संचरण मकर एवं कुम्भ राशि के बाद इनका संचरण मीन राशि में होगा जहां ये बहुत ही कमजोर हो जाते हैं, इसलिए स्थिति में कोई ज्यादा सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती ।
29 मार्च 2020 से 31 जुलाई 2020 तक शुक्र ग्रह का संचरण वृषक राशि में
शुक्र ग्रह को ज्योतीष में जीवन रक्षक, दवा एवं सर्जनात्मक कार्यों का जनक माना जाता है। लम्बे समय तक शुक्र ग्रह का संचरण वृषक राशि में दर्शाता है कि कोई ना कोई वैज्ञानिक जीवन रक्षक दवा बनाने में सफल ज़रूर होगा।
14 अप्रैैल 2020 से 14 मई 2020 तक सूर्य का संचरण मेष राशि में
ज्योतिष में सूर्य ग्रह को राजा माना जाता है एवं ये शासन, शासन की व्यवस्था को बताता है। मेष राशि का स्वामी मंगल होते हैं एवं उन्हें सेनापति माना जाता है। जब भी सूर्य का संचरण मेष राशि में होता है तो सूर्य बहुत शक्तिशाली हो जाते हैं। यहां पर ये दिखाता है कि 14 अप्रैक के बाद शासन की स्थिति बहुत मज़बूत रहेगी। स्थितियाँ नियंत्रण में रहेंगी एवं कहीं-कहीं कठोरता हावी रहेगी।
उपरोक्त सारे बिंदुओ पर विचार करने के बाद अब हम लोग समझे कि क्या स्थिति है।
ऐसा समझा जाता है की करोना वाइरस ( कोविद-19) की शुरुआत दिसंबर 2019 में, जब गुरु एवं केतु एक साथ थे तब हुआ। जैसे हीं 27 फरवरी 2020 को राहु केतु के एक तरफ़ सभी ग्रह असंतुलित हो गए, अचानक से परिस्थिति एकदम ख़राब हो गयी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को महामारी घोषित कर दिया। बुध ग्रह से जुड़ीं चीज़े जैसे शेयर मार्केट अचानक से गोता लगाने लगा, पब्लिक प्लेसेज़, सिनमा घर, मॉल बंद, स्कूल, कॉलेज बंद होने लगे। 22 मार्च को जब मंगल का संचार मकर राशि में हो रहा था तो स्थिति और भयावह हो गई और यातायात के सारे साधन बंद होने लगे। 30 मार्च को जब गुरु का संचरण मकर राशि में हुआ तो एक धार्मिक ससंथान द्वारा अधार्मिक कार्य हो गया, जिससे पहले से चला आ रहा संकट और बढ़ गया।
अब सवाल ये है कि परिस्थितियों में सुधार कब होगा?
अगर सारे ग्रहों के संचरण पर विचार किया जाये तो देखने में आएगा की शुक्र 29 मार्च से अपने राशि में लम्बे समय तक रहेंगे, बुध ग्रह कुम्भ राशि से 6 अप्रैल को निकल रहे हैं, लेकिन इसके बाद 24 अप्रैल तक बहुत ही कमजोर स्थिति में रहेंगे। सूर्य ग्रह 14 अप्रैल से अपने सबसे मज़बूत स्तिथि में रहेंगे, 25 मई से बुध अपने राशि मिथुन में संचरण लम्बे समय तक करेंगे, ग्रहों का असंतुलन 26 मई के बाद ख़त्म हो रहा है।इसलिए ये अनुमान लगाया जा सकता है कि 29 मार्च के बाद कोई न कोई जीवन रक्षक दवा खोजने में सफलता मिलेगी, 6 अप्रैल के बाद स्थिति में बदलाव आना शुरू हो सकता है, 24 अप्रैल के बाद स्थिति में सुधार दिखने लगेगा एवं 26 मई के बाद स्थितियां बहुत तेज़ी से सुधरेगीं।
11 मई, 14 मई एवं 15 मई से क्रमशः शनि, शुक्र एवं गुरु ग्रह बक्री हो जायंगे
जब ये तीनो ग्रह एक साथ वक्री हो जाएगे तो मार्केट में अस्थायी मंदी फिर हो सकती है। लेकिन 28 मई के बाद स्थिति में सुधार आ सकता है।
25 मई से 1 अग़स्त तक बुध ग्रह का संचरण मिथुन राशि में
बुध ग्रह अपने ही राशि मिथुन में लगभग 65 दिनो तक संचरण करंगे, जिससे ये बहुत प्रभावी रहेंगे। इससे ये अनुमान लगाया जाता है जो भी चीजें बुध के मकर, कुम्भ और मीन राशि में रहने से धीमी हुईं थीं, बहुत तेज़ी से ऊपर आयेगीं। एक नए मनोबल, नए कार्यप्रणाली, नयी सोच के साथ। शायर मार्केट में काफ़ी तेज़ी आ सकती है ।
30 जून 2020 को गुरु ग्रह का धनु राशि में संचरण
गुरु ग्रह अपनी राशि धनु में संचरण करेंगे लेकिन इनका दिशा अभी भी बक़्री रहेगा, जिससे चीजे सकारात्मक दिशा में मध्यम गति से आगे बढ़ेगी।
17 अगस्त 2020 से मंगल ग्रह मेष राशि में आयेगें एवं वर्ष के अंत तक मीन एवं मेष राशि में संचरण करंगे
मेष राशि मंगल की अपनी राशि हैं, ऐसा अनुमान है कि इस दौरान रोज़गार धंधा, उधोग, ज़मीन, मकान, तेल, इन्फ़र्मेशन टेक्नोलॉजी इत्यादि सभी चीजें काफ़ी तेज़ी से बढ़ सकती हैं।
13 सितंबर 2020 – गुरु वक्री से मार्गी हो जायेगें
इससे बाज़ार में सुधार में तेज़ी आएगा।
29 सितंबर 2020- शनि वक्री से मार्गी हो जाएँगे
इससे बाज़ार में सकारात्मकता बड़े पैमाने पर बढ़ेगी।
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लेखक परिचयः इंजीनियर दीपक कुमार इलेक्ट्रॉनिक एवं कम्यूनिकेशन इंजिनीयर, एंटरप्रेनर, मल्टीनेशनल कंपनीज में आइटी कंसल्टेंट रहे हैं। वैदिक ज्योतिष को वैज्ञानिक रूप से समझने और भविष्यवाणी में सटीकता लाने के बारे में पिछले 20 वर्षों से अध्ययनरत हैं। वर्तमान में आप दुबई में रहते हैं। प्लैनेट पावर के आप निदेशक हैं। ईमेल-deepakplanetpower.com