नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। जिस कोरोना को अब लोग लापरवाही से ले रहे हैं उसने दिसंबर में दुनियाभर में 10 हजार लोगों की जान ले ली है। इसमें कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 का भी हाथ है। सिंगापुर-अमेरिका में संक्रमण की एक और लहर की आशंका जताई जा रही है, वहीं भारत में भी कोरोना के मामलों में उछाल आया है।
50 देशों का डेटा का हुआ विश्लेषण
कोरोना के नए वैरिएंट्स पर हुई स्टडी बताती है कि ये तेजी से संक्रमण जरूर फैलाते हैं पर खतरा कम होता है। पर हाल ही में WHO द्वारा साझा की गई जानकारियां डरा रही हैं। उसके प्रमुख ने कहा कि पिछले महीने क्रिसमस और फिर नए साल की छुट्टियों के दौरान इकट्ठा हुई लोगों की भीड़ के चलते विश्व स्तर पर नए कोरोना वैरिएंट का संचरण बढ़ गया है। डायरेक्टर जनरल ने कहा कि संक्रमण के कारण दिसंबर में लगभग 10 हजार मौतें हुईं हैं। करीब 50 देशों के डेटा से पता चलता है कि यहां पर अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी 42 फीसद तक की बढ़ोतरी आई है। यूरोप के देशों में कोरोना के कारण हालात बिगड़ते हुए देखे जा रहे हैं।
हल्के में लेने से हुई गड़बड़
महानिदेशक ने जिनेवा में बताया कि यह संख्या महामारी के पीक वाले समय से काफी कम हैं, लेकिन ये मौतें रोकी जा सकती थीं, फिर भी इनका बढ़ा हुआ आंकड़ा स्वीकार्य नहीं है। कोरोना को हल्के में लेने की गलती भारी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि यह निश्चित है कि अन्य स्थानों पर भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, जहां फिलहाल रिपोर्टिंग कम है। सभी सरकारों को कोरोना पर गंभीरता से निगरानी बनाए रखने और उपचार-टीकों की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करते रहना बहुत आवश्यक है।