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इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी के हुए 100 साल, स्वास्थ्य मंत्री ने रेड क्रॉस की सेवाओं की सराहना की

 रेड क्रॉस सोसाइटी के 100 साल पूरे होने पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने क्या कहा? जानने के लिए पढ़िए प्रियंका सिंह की रपट

नई दिल्ली/ एसबीएम
 
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने नई दिल्ली में ‘विश्व रेड क्रॉस दिवस‘ के अवसर पर इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) के शताब्दी समारोह में भाग लिया। डॉ. हर्ष वर्धन ने विश्व रेड क्रॉस दिवस के संस्थापक श्री हेनरी डुरंट की वक्ष प्रतिमा को माला पहनाई। इस  अवसर पर पीपीई, मास्क, वेट पाइप्स, बॉडी बैग्स आदि से निर्मित्त राहत सामग्रियों को ले जाने वाले वाहन को झंडी दिखाई।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये देश भर की विभिन्न राज्य शाखाओें के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘ इंडियन रेड क्रास सोसाइटी के लिए यह एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसने न केवल अस्तित्व के 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं बल्कि अपनी प्रतिष्ठा एवं प्रतिबद्धता को बनाये रखते हुए चिकित्सा एवं मानवीय सहायता उपलब्ध कराने के ध्येय को बरकरार रखा है। ‘उन्होंने आईआरसीएस को भारत में राहत उपलब्ध कराने एवं अच्छा कार्य करने के लिए धन्यवाद दिया।’ उन्होंने कहा, ‘यह सराहनीय है कि आईआरसीएस किसी से भी आदेश के लिए प्रतीक्षा नहीं करता बल्कि स्वतः प्रेरित कार्रवाई करता है और किसी भी आपदा या मानवीय संकट में जिसमें तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता होती है, राहत कार्य उपलब्ध कराता है।’
डॉ. हर्ष वर्धन ने इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की इस समय रक्त दान के लिए सामने आने में सुविधा प्रदान करने के लिए नियमित रक्त दाताओं के परिसर में चलित रक्त संग्रह वाहनों को भेजने के लिए प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि, किसी संगठन के लिए सौ साल पूरे करना महत्वपूर्ण नहीं, महत्व इस बात का है कि उसने अपनी क्या साख कायम की है।
उन्होंने देश में किसी भी आकस्मिकता की पूर्ति करने के लिए पर्याप्त रक्त भंडार बनाये रखने के लिए स्वयंसेवी संगठनों, एनजीओ तथा बड़ी संख्या में आम लोगों को स्वैच्छिक रक्त दान को बढ़ावा देने के लिए सामने आने की अपील की।
उन्होंने लोगों से कहा कि वे साल में कम से कम एक बार, अपने जन्म दिन या शादी की सालगिरह पर रक्त दान करने की अपील की जिससे कि वे उस अवसर को न केवल अपने लिए बल्कि जिन्हें रक्त की आवश्यकता है, उनके लिए भी विशेष बनायें।
उन्होंने कहा, ‘मैं इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी बिरादरी का बहुत मान करता हूं कि उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ हमारी लड़ाई में भी काफी योगदान दिया है जहां उन्होंने भारत में कई अस्पतालों को इक्विपमेंट, सैनिटाइजर, फूड, पीपीई किट एवं एन-95 मास्क आदि उपलब्ध कराया है।’
इस आयोजन में इंटरनेशनल फेडेरेशन ऑफ रेड क्रॉस (आईएफआरसी) के कंट्री क्लस्टर कार्यालय के कार्यवाहक प्रमुख उदय रेग्मी, आईआरसीएस के क्षेत्रीय शिष्टमंडल के प्रमुख श्री याहिया अलीबी, आईआरसीएस के महासचिव आर के जैन एवं आईआरसीएस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

आईआरसीएस को जानें

आईआरसीएस की स्थापना एक स्वैच्छिक मानवतावादी संगठन के रूप में 1920 में हुई थी। आज देश भर में 1,100 से अधिक शाखाओं के नेटवर्क के साथ यह आपदाओं/आपातकाल स्थितियों के समय राहत उपलब्ध कराता है, साथ ही निर्बल लोगों एवं समुदायों के स्वास्थ्य की देखभाल को बढ़ावा भी देता है। यह विश्व में सबसे बड़ा स्वतंत्र मानवतावादी संगठन, इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसाइटी और रेड क्रेसेंट आंदोलन का अग्रिम सदस्य है। इंडियन रेड क्रॉस का मिशन हर वक्त, सभी प्रकार की मानवतावादी गतिविधियों को प्रेरित, प्रोत्साहित एवं आरंभ करना है जिससे कि मानव कष्टों को न्यूनतम बनाया जा सके एवं यहां तक कि रोका जा सके और इस प्रकार शांति के लिए अधिक अनुकूल माहौल के सृजन में योगदान दिया जा सके।
 

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