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नॉन कोविड-19 मरीजों को इमरजेंसी में देखना अनिवार्य नहीं तो…

सरकार उन अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रही हैं जो इमरजेंसी से नॉन कोविड-19 मरीज़ों को लौटा रहे हैं।

 

आशुतोष कुमार सिंह

 

नई दिल्ली/ 18.04.20

नॉन कोविड-19 मरीजों को कोई परेशानी न हो इसके लिए सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। कई अस्पतालों से यह खबर आ रही थी कि नॉन कोविड मरीजों का इलाज नहीं किया जा रहा है। इस बात का संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सभी अस्पतालों को सख्त हिदायद दी है। उन्होने कहा है कि अगर कोई अस्पताल नॉन कोविड मरीजों का ईलाज नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अपने फेसबुक पेज पर जारी बयान में स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा है कि, ‘देश एक ओर जहां कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है और पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था इस महामारी से युद्ध स्तर पर अपने मिशन में जुटी हुई है। वहीं दूसरी ओर नॉन कोविड मरीजों के ईलाज के प्रति राजधानी दिल्ली के अस्पतालों की कुछ असंवेदनशीलता की शिकायतें आ रहीं थीं।
इन सभी समस्याओं को लेकर मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्र सरकार व राज्य सरकार के अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों, दिल्ली के उप-राज्यपाल,दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारियों और नगर निगमों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करी।’

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उन्होंने आगे लिखा है कि, ‘मैंने कहा कि दिल्ली में इस तरह की शिकायतों को अक्सर सोशल मीडिया और अखबारों में पढ़ता रहता था जिनमें इमरजेंसी वाले मरीजों की अस्पतालों में इलाज नहीं हो पा रहा था। इनमें डायलिसिस, कैंसर, हेड इंजरी, डिलीवरी के मामले एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल रेफर किए जाते रहते थे। इसके अलावा थैलेसीमिया जैसे रोगों के लिए रक्त (Blood) की नियमित जरूरत वाले मामलों को भी इधर-उधर भटकना पड़ता था। उन्हें रक्त नहीं मिल पाता था। इन मामलों को लेकर हमने रेडक्रॉस के साथ मीटिंग करी थी। जिसमें तय किया गया था कि ब्लड एकत्र करने के लिए मोबाइल वैनों को ब्लड डोनर्स तक पहुंचाया जाए या ब्लड डोनर्स को ही ब्लड बैंकों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए।’

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स्वास्थ्य मंत्री ने लिखा है कि, ‘बैठक में तय किया गया कि जैसे ये अस्पताल कोविड-19 के मरीजों की जांच,कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, आइसोलेशन इत्यादि करके पूरी गंभीरता के साथ इलाज में जुटे हैं, उसी प्रकार उन्हें नॉन-कोविड मरीज़ों का इलाज भी करना होगा।’
उन्होंने लिखा कि, ‘मैंने सभी चिकित्सा अधीक्षकों को ये सुनिश्चित करने को कहा कि जो कोविड19 के मरीज़ नहीं है और ज्यादा बीमार हैं, उनके इलाज़ से अस्पताल इंकार न करें।ये उनका अधिकार है और हम सबका कर्तव्य है कि इस प्रकार का कोई भी मरीज इलाज से वंचित न रहे। मैंने दिल्ली के सभी अस्पतालों को साफ शब्दों में कहा कि इमरजेंसी से मरीज़ों को लौटाने वाले अस्पतालों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई होगी।’

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