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चंद्रयान की टेक्नोलॉजी ने नासा को भी ललचाया

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की घटना अंतरिक्ष कार्यक्रमों के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है। भारत ने यादगारी के तौर पर 16 अगस्त को नेशनल स्पेस डे मनाने का फैसला किया है तो नासा ने भारत से उसकी टेक्नोलॉजी बेचने की पेशकश की है। इसरो के अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने खुद यह बात कही है। सोमनाथ ने कहा कि भारत बेहतरीन इंस्ट्रूमेंट्स और रॉकेट बनाने के काबिल है। नॉलेज और इंटेलिजेंस के स्तर के लिहाज से हमारा देश दुनिया के सर्वश्रेष्ठ देशों में से एक है।

कैंसर में हेयर लॉस की वजह

जानलेवा रोग कैंसर के इलाज के दौरान मरीज के सिर के बाल खत्म हो जाते हैं क्योंकि उन्हें कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हॉर्माेन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, स्टेम सेल ट्रांसप्लांट और सर्जरी आदि से गुजरना पड़ता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन कहता है कि कीमोथेरेपी के कुछ प्रकार की वजह से बाल झड़ने लगते हैं। इस स्थिति को alopecia कहा जाता है। हालांकि इलाज खत्म होने के 2 से 3 महीने बाद बाल वापस उग जाते हैं। हेयर लॉस के अलावा और भी कई साइड इफेक्ट कैंसर रोगियों में नजर आते हैं।

जानिए एनेस्थीसिया को

सर्जरी से पहले मरीज को बेहोश करने के लिए एनेस्थीसिया दिया जाता है। 16 अक्टूबर को दुनिया भर में वर्ल्ड एनेस्थीसिया डे मनाया जाता है। इसका पहली बार 1846 में इस्तेमाल हुआ था। यह गैस या वाष्प के रूप में होता है जिसे इंजेक्शन के माध्यम से मरीज के शरीर में डाला जाता है। कई बार इसे मरीज को सुंघाया भी जाता है। इससे रोगी गहरी नींद में चला जाता है और सर्जरी की तकलीफ महसूस नहीं होती। रोग और रोगी की स्थिति देखकर एनेस्थीसियोलॉजिस्ट इसे देते हैं।

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