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पत्रकारिता के लिए जरूरी है सृजनात्मकता : प्रो. राव

IIMC के सत्रारंभ समारोह का समापन

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) द्वारा आयोजित सत्रारंभ समारोह के समापन अवसर पर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने कहा कि पत्रकारिता के लिए सृजनात्मकता की आवश्यकता है। ज्ञान के आधार पर हम किसी भी क्षेत्र में शीर्षतम स्तर पर पहुंच सकते हैं, लेकिन इसके लिए सृजनात्मक, निष्पक्ष और साहसी होना जरूरी है। इस अवसर पर पद्मश्री से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता, IIMC के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक आशीष गोयल, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, कार्यक्रम के संयोजक एवं उर्दू पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार सहित IIMC के सभी केंद्रों के संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

बोलने से ज्यादा सुनना जरूरी

‘अमृतकाल के संकल्प और मीडिया’ विषय पर नवागत विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए प्रो. राव ने कहा कि पत्रकारों के लिए बोलने से ज्यादा सुनना बेहद जरूरी है। मीडिया में अपना कॅरियर शुरू करने जा रहे प्रत्येक विद्यार्थी के लिए यह आवश्यक है कि वो किताबी ज्ञान से ऊपर उठकर समाज के लिए जमीन पर रहकर काम करे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के लिए व्यावहारिक ज्ञान आवश्यक है, जो पत्रकार को सर्वश्रेष्ठ बनाता है।

अमृत के साथ विष के लिए तैयार होना भी सीखिए : मेहता

वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने कहा कि अमृतकाल के इस महत्वपूर्ण समय में युवाओं को अमृत के साथ विष के लिए भी तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में एक सैनिक की तरह काम करना होता है। आपकी सफलता तब है, जब आपकी तारीफ कोई दूसरा व्यक्ति करे। उनके अनुसार युवाओं के लिए सफल होने का मूलमंत्र है कि ‘परफेक्शन’ से काम करें और ‘रिजेक्शन’ की चिंता न करें। पत्रकारिता की लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखना भी आवश्यक है।

ईमानदारी और मेहनत से मिलेगी सफलता: प्रो. द्विवेदी

IIMC के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि अगर आप अपने काम को मेहनत और ईमानदारी से करते हैं, तो यकीन मानिए आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि श्रमजीवी व्यक्ति के सामने कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो, वो उसका समाधान निकालना जानता है। उनके अनुसार सकारात्मक सोच और सार्थक विचारों की पत्रकारिता ही समाज और संस्कृति के लिए सबसे बेहतर होती है। युवाओं को अपनी पत्रकारिता के माध्यम से समस्याओं का समधान प्रस्तुत करना चाहिए।

संचार सृजन के नये अंक का विमोचन

इस अवसर पर भारतीय जन संचार संस्थान द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक पत्रिका ‘संचार सृजन’ और मासिक न्यूजलेटर ‘आईआईएमसी न्यूज’ के नए अंक का विमोचन भी किया गया। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ‘संचार सृजन’ ने ‘राष्ट्र निर्माताओं की पत्रकारिता’ विषय पर विशेषांक का प्रकाशन किया है।

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