नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। हमारी तैयारी ऐसी होनी चाहिए कि किसी भी हेल्थ इमरजेंसी में परेशानी न हो। कोविड महामारी ने बड़ा सबक दिया है। इसलिए महामारी सम्बंधी नीति हमारी स्वास्थ्य नीति का निर्णायक हिस्सा होनी चाहिये। आज आपस में जुड़े विश्व की बहु-क्षेत्रीय प्रकृति के कारण कोई भी स्वास्थ्य संकट आर्थिक संकट बन सकता है।
समन्वित प्रयासों की जरूरत
यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रविण पवार ने जी-20 भारत अध्यक्षता के तहत तिरुवनंतपुरम में पहली स्वास्थ्य-समूह बैठक को संबोधित करते हुये कही। उन्होंने कहा कि महामारी की रोकथाम, उसके लिये तैयारी और कार्रवाई के लिये विभिन्न सेक्टरों तथा अनेक एजेंसियों के बीच समन्वित प्रयासों की जरूरत है। समुदायों को मजबूत और शक्तिसम्पन्न बनाये की जरूरत है ताकि वे भावी स्वास्थ्य आपात स्थिति में समयानुकूल कार्रवाई कर सकें।
हेल्थ सेक्टर में निवेश पर फोकस
उन्होंने साफ कहा कि कोविड-19 आखिरी महामारी नहीं होगी। महामारी के सबक को हमारी तैयारी और समरूपी कार्रवाई के लिये एजेंडा में शामिल होना चाहिये। हमें अपनी क्षमताओं को विस्तार देने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम किसी भी स्वास्थ्य संकट के समय सामूहिक रूप से मुकाबला करने को तत्पर रहेंगे। साथ ही स्वास्थ्य प्रणाली तैयार करने तथा जीवनरक्षक वैक्सीनों, उपचार और निदान में निवेश करने की जरूरत पर बल दिया।
भारत के प्रयासों की सराहना
इंडोनेशिया और ब्राजील के त्रिगुट सदस्यों ने तीन स्वास्थ्य प्राथमिकताओं की स्थापना के लिये भारतीय अध्यक्षता की सराहना की। उन्होंने कहा कि महामारी से हमें यह अवसर मिला है कि हम अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करें। आज इस बात की जरूरत है कि हम सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवच को सुनिश्चित करने के लिये अपने प्रयासों में तेजी लायें।