नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। कोरोना वैक्सीन के बाद सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए भी बाजार में वैक्सीन आ रही है। यह इस तरह की पहली स्वदेषी वैक्सीन है। इसका नाम ‘क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमा’ वायरस वैक्सीन (qHPV) है। इसे सीरम इंस्टीट्यूट और डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी ने मिलकर बनाया है। केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और सीरम इंस्टीटच्युट के प्रमुख अदार पूनावाला ने यह वैक्सीन लॉन्च की।
कीमत 200 से 400 के बीच होगी
मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार पूनावाला ने बताया कि वैक्सीन की कीमत को लेकर सरकार से चर्चा की जा रही है। वैसे इसकी कीमत 200 से 400 रुपए के बीच होगी। फिलहाल वैक्सीन की रिसर्च और डेवलपमेंट से जुड़ा सारा काम हो गया है और अब इसे मार्केट में उतारने की तैयारी जारी है।
9-14 साल की लड़कियों के लिए उपयोगी
नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (NTAGI) के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि हमारी बेटियां और पोतियां इस बहुप्रतीक्षित वैक्सीन को अब प्राप्त कर पाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर पर बहुत असरदार है और इस कैंसर को रोकता है।
सर्वाइकल कैंसर को जानिये
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सर्विक्स की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। सर्विक्स यूट्रस के निचले भाग का हिस्सा है। इस हिस्से के सेल्स को कैंसर प्रभावित करता है। सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के अलग-अलग तरह की स्ट्रेन्स की वजह से होते हैं। यह एक आम यौन रोग है, जो जननांग में मस्से के रूप में दिखता है। फिर धीरे-धीरे यह सर्वाइकल सेल्स को कैंसर सेल्स में बदल देता है।
हर साल 1.23 लाख मामले
इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के मुताबिक भारत में सर्वाइकल कैंसर के 1.23 लाख मामले हर साल आते हैं। इसमें करीब 67 हजार महिलाओं की जान चली जाती है। यह कैंसर देश में महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे सामान्य कैंसर है। दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर में भारत का नंबर 5वां है। यह बीमारी 15 से 44 वर्ष की महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों की दूसरी सबसे कॉमन वजह है।