नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। आयुष मंत्रालय ने औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिकता के आधार पर योजना चला रही है ताकि दवा निर्माण में दिक्कत न हो। यह जानकारी आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज 19 जुलाई को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
1178 औषधीय पौधे
उन्होंने कहा कि नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड (NMPB) द्वारा समर्थित भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद (ICFRE) द्वारा आयोजित भारत में औषधीय पौधों पर 2017 में एक स्टडी रिपोर्ट आयी थी जिसके मुताबिक 2014-15 में देश में जड़ी-बूटियों व औषधीय पौधों की मांग लगभग 5,12,000 मीट्रिक टन अनुमानित थी। इसके अनुसार लगभग 1178 औषधीय पौधों की प्रजातियों को बाजार में व्यापार के लिए दर्ज है जिनमें से 242 प्रजातियों का व्यापार प्रति वर्ष 100 मीट्रिक टन से अधिक किया जाता है। इन प्रजातियों में 173 जंगली स्रोतों से एकत्र की जाती हैं।
केंद्रीय योजना के तहत काम
उनके मुताबिक आयुष मंत्रालय ने पूरे देश में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए 2015-16 से 2020-21 तक राष्ट्रीय आयुष मिशन (NAM) नाम से योजना को लागू किया था। इसके तहत किसान की भूमि पर प्राथमिकता वाले औषधीय पौधों की खेती, गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री तैयार करने एवं नर्सरी बनाने, फसलोत्तर प्रबंधन, प्रसंस्करण, विपणन अवसंरचना आदि की व्यवस्था है।