नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। लोकतंत्र के मंदिर संसद को नया भवन मिल गया है जिसमें 19 सितंबर से कामकाज भी शुरू हो गया। इस नये भवन में 1280 सासदों के बैठने की व्यस्था है। आर्किटेक्चर ऐसा कि यह काफी खूबसूरत दिखता है। यह भवन चार मंजिला है। हाईटेक टैक्नोलॉजी से यह लैस है। संसद का पुराना भवन 1927 में बन था। भारत का नागरिक होने की वजह से इस बारे में सब कुछ जानना आपके लिए भी जरूरी है।
1200 करोड़ में बना नया भवन
नए संसद भवन की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर, 2020 में रखी और तीन साल से कम समय में बनकर तैयार हो गई। त्रिकोणीय आकार की चार मंजिला यह इमारत 64,500 वर्ग मीटर में फैली है जो पुरानी संसद से लगभग 17,000 वर्ग मीटर बड़ा है। अत्याधुनिक तकनीक से तैयार इस भवन पर भूकंप का असर नहीं होगा। इसे बनाने में 1200 करोड़ की लागत आई है। इस भवन के मुख्य आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं, जिन्होंने कई बड़ी इमारतों को डिजाइन किया है। इन्हें आर्किटेक्टर क्षेत्र में असाधारण कार्य के लिए साल 2019 में पद्मश्री भी मिल चुका है। इसके प्रवेष द्वार पर सत्यमेव जयते लिखा है।
नये भवन में हाईटेक डिवाइस
नई संसद भवन की इमारत का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स ने किया है। इसमें आधुनिक ऑडियो-वीडियो विजुअल सिस्टम, सांसदों की टेबल पर टैबलेट जैसी चीजें लगी हैं। इसमें कुल 1280 सांसद बैठ सकते हैं। लोकसभा कक्ष में 888 तो राज्यसभा कक्ष में 300 सदस्यों के आराम से बैठने की व्यस्था है। अगर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होती है तो लोकसभा कक्ष में कुल 1280 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है।
छह प्रवेश द्वारों वाला भवन
नए संसद भवन में सुरक्षा को देखते हुए कई इंतजाम किए गए हैं। इस इमारत में छह प्रवेश द्वार हैं। इनमें से तीन अश्व, गज और गरुड़ गेट औपचारिक द्वार हैं। इन गेटों का उपराष्ट्रपति, स्पीकर और प्रधानमंत्री इस्तेमाल करेंगे। तीन अन्य द्वार मकर गेट, शार्दूल गेट और हंस गेट का सांसदों और जनता के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें अधिकारियों और कर्मचारियों के ऑफिसों को भी हाईटेक बनाया गया है। इनमें कैफे, डाइनिंग एरिया, कमेटी मीटिंग के अलग-अलग कमरों में हाईटेक उपकरण लगाये गये हैं। कॉमन रूम्स, महिलाओं के लिए लाउंज और वीआईपी लाउंज की भी व्यवस्था है।