स्वस्थ भारत मीडिया
समाचार / News

अनुसंधान क्षेत्र का हब बनेगा भारत : मनसुख मांडविया

नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने हैदराबाद की जीनोम वैली में ICMR-NARFBR (National Animal Resource Facility for Biomedical Research) का उद्घाटन करते हुए कहा कि फार्मा के बाद भारत अनुसंधान क्षेत्र का भी हब बनेगा। इस संस्था में भारत को जैव चिकित्सा अनुसंधान में एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी बनाने की क्षमता है।

स्वदेशी अनुसंधान को मिल रहा बढ़ावा

केंद्रीय मंत्री ने दुहरया कि किसी भी समाज को आगे बढ़ने के लिए अनुसंधान और नवाचार एक महत्वपूर्ण पहलू है। भारत ने पूर्वजों की विरासत संभालते हुए स्वदेशी अनुसंधान को बढ़ावा दिया जिसका अब लाभ हमें मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान जब दुनिया टीकों की कमी से जूझ रही थी, तब भारत के वैज्ञानिक समुदाय ने उन टीकों को बनाकर अपनी ताकत साबित की। विदेशी टीकों के आयात में जहां 5-10 साल लग जाते वहां भारत के वैज्ञानिकों ने एक साल में इन टीकों का उत्पादन किया।

नये शोधकर्ताओं को मिलगी मदद

मांडविया ने कहा कि नव निर्मित केंद्र न केवल नैतिक पशु अध्ययन के लिए अत्याधुनिक सुविधा के रूप में काम करेगा बल्कि नए शोधकर्ताओं की क्षमता निर्माण में मदद करेगा और गुणवत्ता आश्वासन जांच के साथ-साथ देश के भीतर नई दवाओं, टीकों और निदान के पूर्व-नैदानिक परीक्षण के लिए प्रक्रियाएं तैयार करेगा। उन्होंने भारत की मानव शक्ति और मस्तिष्क शक्ति का जश्न मनाते हुए कहा कि भारतीय रचनात्मक क्षेत्रों में सबसे आगे रहे हैं, चाहे वह अनुसंधान संस्थान हों, प्रौद्योगिकी या फार्मा कंपनियां आदि।

4 में एक गोली भारत की

दुनिया की फार्मेसी के रूप में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि दुनिया में बनी हर चार गोलियों में से एक भारत में बनी होती है। अब हम भारत को न केवल दवा निर्माण बल्कि फार्मा अनुसंधान के लिए भी हब बनाना चाहते हैं। ऐसे में नैदानिक परीक्षणों के लिए मजबूत प्रक्रियाएं बनाने की जरूरत है जिसके लिए पशु सुविधाओं की आवश्यकता होती है। इसलिए NARFBR इस दृष्टि को वास्तविक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

दुनिया की सबसे बड़ी सुविधा

ICMR के महानिदेशक और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल ने इस सुविधा को न केवल देश में सर्वश्रेष्ठ बल्कि दुनिया में सबसे बड़ी सुविधा करार दिया। उन्होंने कहा कि नैतिक अनुसंधान के लिए विभिन्न जानवरों की उपलब्धता से लेकर एक छत के नीचे विभिन्न प्रक्रियाओं को मजबूत करने तक NARFBR जूनोटिक रोगों से निपटने के लिए देश के लिए एक संपत्ति होगी।

Related posts

CGHS लाभार्थियों को अब तीन संस्थानों में कैशलेस उपचार की सुविधा

admin

11 करोड़ ग्रामीण परिवारों तक पहुंचा घर में नल का जल

admin

कोविड से मौतें: मुआवजा के लिए केंद्रीय टीम काम पर

admin

Leave a Comment