नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल ने यहां राष्ट्रीय जन्म दोष जागरूकता माह 2024 का शुभारंभ किया। यह दिवस हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि यह अभियान जन्म दोष जागरूकता अभियान रोकथाम, शीघ्र पहचान और समय पर प्रबंधन के बारे में जागरूकता पर केंद्रित होगा।
बच्चों का संपूर्ण स्वास्थ्य प्राथमिकता
डॉ. पॉल ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की सराहना की जो बाल स्वास्थ्य में काफी मददगार साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के तहत 160 करोड़ बच्चों की जांच की गई है और यह बाल स्वास्थ्य की गारंटी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत हमारी प्राथमिकता बच्चों के लिए संपूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त करना है और यह राष्ट्रीय जन्म दोष जागरूकता माह अभियान इस उद्देश्य के लिए जागरूकता बढ़ाने में मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि जन्म दोषों की समस्या के निवारण के लिए अधिक तीव्रता और अधिक कवरेज की आवश्यकता है।
जन्मदोषों की शीघ्र पहचान हो
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री अपूर्व चंद्रा ने जन्म दोषों विशेषकर क्लब फुट, श्रवण दोष, रेटिना दोष, कटे होंठ आदि की शीघ्र पहचान पर जोर दिया क्योंकि ये बच्चे के भविष्य को खराब करते हैं। उन्होंने कहा कि ABHA के माध्यम से बाल जन्म दोषों की रजिस्ट्री रखना इलाज किए गए या इलाज न किए गए बच्चों का रिकॉर्ड रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और पहचान और उपचार के अनुसार आगे की कार्रवाई की जा सकती है।