नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। एसिडिटी और सीने में जलन (Heartburn) के साथ कई तरह के अल्सर में काम आने वाली दवा रैनिटिडिन (Ranitidine) अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप समेत कई देशों में बैन है जबकि भारत में नहीं। इसे कई फार्मा कंपनियां अलग-अलग नामों से बनाकर बेचती है। वजह इसमें पाया जाने वाला NDMA नामक केमिकल है जिसे कैंसर पैदा करने वाला माना जाता है।
2019 में ही दुष्प्रभाव का पता चला
रिपोर्ट के अनुसार 2019 में ही कुछ स्टडी से पता चला कि यह कुछ समय बाद असरदार नहीं रहती और कैंसर फैलाने वाला । इसके बाद, 2020 में अमेरिका के FDA ने इसके उत्पादन और बिक्री पूरी तरह बैन कर दिया। लेकिन भारत में ऐसा नहीं हुआ। पिछले दिनों राज्यसभा में स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया भी था कि इस दवा की उत्पादन या बिक्री पर कोई रोक नहीं लगने जा रही है। भारत में यह ACILOC और अन्य नामों से बिकती है।
केद्र हटा चुकी है प्राथमिकता सूची से
जानकारी के मुताबिक भारत में दवाओं की जांच और मंज़ूरी देने वाली संस्था CDSCO ने इस दवा को जांचा है। जो कंपनियां इसे अलग-अलग ब्रांड नेम से बेचती हैं, उनसे भी जांच करने को कहा है। वैसे 2022 में भारत सरकार ने रैनिटिडिन को आवश्यक दवाओं की सूची से हटा दिया था जिससे सरकारी योजनाओं और अस्पतालों में इसे प्राथमिकता नहीं मिलती लेकिन बाजार से नहीं हटाई गयी है।