नयी दिल्ली (स्वस्थ भारत मीडिया)। ओमिक्रॉन वैरिएंट के म्यूटेटेड वर्जन JN.1 के मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र में रोगियों के इलाज को लेकर नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। मुंबई कोविड टास्क फोर्स का कहना है कि नए दिशानिर्देशों में एसिम्टोमेटिक रोगियों के लिए बहुत जरूरत होने पर ही एंटीवायरल दवा के उपयोग की सलाह दी गई है। गाइडलाइन में कहा गया है कि बिना लक्षण या जटिलताओं वाले कोविड-19 रोगियों को एंटीवायरल दवाओं की आवश्यकता नहीं है।
एंटीबायोटिक से बचें
एक्सपर्ट मानते हैं कि जिनको कोमोरबिडिटी की शिकायत रही है, उन्हें उपचार के अन्य उपायों के साथ आवश्यकता पड़ने पर रेमेडिसविर दवा दी जा सकती है। वहीं अगर रोगी को कोई और संक्रमण न हो तो उसे एंटीबायोटिक दवाएं बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए। एंटीवायरल के बेतरतीब इस्तेमाल के खिलाफ सलाह देते हुए टास्क फोर्स ने कहा है कि ज्यादातर मरीजों का इलाज सामन्य दवाओं से किया जा सकता है और वे ठीक भी हो रहे हैं। इसका उपयोग केवल तभी किया जाए जब लक्षण लगातार बने रहें या जटिलताएं बढ़ रही हों।
रिकवरी दर 98.81 फीसद
स्वास्थ्य मंत्रालय की जानकारियों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश में 395 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है, दो लोगों के मौत के मामले भी सामने आए हैं। ज्यादातर रोगियों में हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं। संक्रमण के शिकार अधिकतर लोगों में एसिम्टोमेटिक लक्षण हैं और ज्यादतर लोग घर पर ही आसानी से ठीक हो रहे हैं। मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर रिकवरी की दर 98.81 प्रतिशत है, जो राहत की बात है। फिलहाल कोरोना के सक्रिय मामलों में से लगभग 92 प्रतिशत सेल्फ आइसोलेशन और सामान्य उपचार से ठीक हो रहे हैं।