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बायोटेक क्षेत्र की प्रगति में महिला उद्यमिओं की भूमिका अहम

नयी दिल्ली। बायोटेक स्टार्टअप के क्षेत्र में भारत, महिलाओं के लिए विशिष्ट परियोजनाओं से महिलाओं के नेतृत्व वाली परियोजनाओं की ओर बढ़ रहा है। भारत अगले 04 वर्षों में बायोटेक क्षेत्र को 70 अरब (बिलियन) अमेरिकी डॉलर से 150 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने की ओर देख रहा है। इस लक्ष्य को महिलाओं की सक्रिय भागीदारी के बिना पूरा नहीं किया जा सकता। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह बात कही है।

महिला बायोटेक उद्यमियों की संख्या बढ़ी

नई दिल्ली में आयोजित बायोटेक स्टार्टअप्स प्रदर्शनी ( EXPO) में 75 महिला बायोटेक उद्यमियों का संग्रह और स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के दौरान निर्मित 75 बायोटेक उत्पाद पर आधारित पुस्तिकाओं के विमोचन के अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि महिला उद्यमी-स्वामित्व वाली बायोटेक कंपनियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। उन्होंने कहा कि महिला वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष, परमाणु विज्ञान, ड्रोन और नैनो-प्रौद्योगिकी में अपनी जगह बनायी है और वर्ष 2023 में शुरू होने वाले ‘गगनयान’ मिशन सहित कई बड़ी वैज्ञानिक परियोजनाओं का नेतृत्व महिला वैज्ञानिक कर रही हैं।

5000 से अधिक बायोटेक स्टार्टअप्स

डॉ. सिंह ने बताया कि पिछले 08 वर्षों के दौरान देश में बायोटेक स्टार्टअप्स की संख्या 50 से बढ़कर 5,000 से अधिक हो गई है। उन्होंने आगे कहा कि जैव-प्रौद्योगिकी, जैव-अर्थव्यवस्था को संचालित करने वाली प्रमुख सक्षम तकनीक है, जिसे एक उभरते क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत, जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पूरे विश्व में 12वाँ, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तीसरा और विश्व का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता देश है।

इंडिया साइंस वायर से साभार

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